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    India and Russia: भारत ने रूस के साथ रिश्‍तों में रखा देशहित के साथ विश्‍व कल्‍याण का भी ध्‍यान, दोनों मोर्चो पर दिखाई समझदारी

    भारत ने रूस पर लगे पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का दोहरा लााभ उठाया है। एक तरफ भारत ने रूस का साथ यूएनएससी में उसके खिलाफ हुई वोटिंग में दिया तो दूसरी तरफ रूस से सस्‍ती दर पर तेल भी आयात किया।

    By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 07:31 PM (IST)
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    भारत ने प्रतिबंधों से जूझते रूस का साथ देकर निभाई दोहरी जिम्‍मेदारी

    नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। शंघाई सहयोग संगठन सम्‍मेलन भले ही खत्‍म हो गया है लेकिन इसकी गूंज अब भी बरकरार है। इसमें पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने जिस तरह से यूक्रेन युद्ध पर राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के सामने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है उसने भारत को लेकर इस मुद्दे पर स्थिति को काफी स्‍पष्‍ट कर दिया है। भारत ने इस सम्‍मेलन में दिए पीएम मोदी के भाषण के बाद यूएन में भी यूक्रेन का साथ देते हुए उसके पक्ष में वोटिंग की।

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    यूक्रेन का दिया साथ 

    ये वोटिंग इस आम सभा में यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की के वर्चुअल भाषण को लेकर हुई थी। गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत ने इस बात का पूरा ध्‍यान रखा है कि रूस से उसके संबंध खराब न हों। यही वजह थी कि भारत ने यूएन सुरक्षा परिषद में हर बार रूस के खिलाफ हुई वोटिंग से बाहर रहना ही स्‍वीकार किया।

    भारत ने बेहतर कूटनीति का दिया परिचय 

    भारत ने दरअसल, इस मोर्चे पर जिस कूटनीति का परिचय दिया है वो वास्‍तव में तारीफ के ही काबिल है। इस दौरान जब रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों के चलते विश्‍व के कई देशों ने उससे कन्‍नी काट ली थी तब भारत ने न सिर्फ रूस से सस्‍ती दरों पर तेल खरीदा बल्कि उसकी हिस्‍सेदारी भी बढ़ाई। सरकारी आंकड़े इस बात की तस्‍दीक कर रहे हैं। इस तरह से भारत ने रूस को दो मोर्चों पर एक साथ साधने में सफलता हासिल की। इस दौरान रूस से हुए व्‍यापार की वजह से भारत को मुनाफा भी हुआ है। ये मुनाफा सस्‍ती दर पर तेल खरीद से हुआ है।

    रूस से खरीदा सस्‍ती कीमत पर तेल 

    रूस पर लगे प्रतिबंधों के बाद भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा। इस तरह से रूस के लिए चीन के बाद भारत उसके तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीददार बन गया। इस युद्ध की शुरुआत के दौरान भारत अपने कुल आयात का सिर्फ 1 फीसद तेल ही रूस से खरीद रहा था। लेकिन प्रतिबंधों के बाद ये बढ़कर बीते सात माह में करीब 12 फीसद तक हो गया है। इस वर्ष जुलाई में सऊदी अरब के बाद रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक बन गया था।

    भारत को तेल निर्यात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा सप्‍लायर बना रूस 

    अगस्‍त में इसमें कुछ गिरावट जरूर दिखाई दी थी जिसके चलते रियाद दूसरे और रूस तीसरे नंबर पर भारत के लिए सबसे बड़ा तेल सप्‍लायर बन गया था। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से जुलाई के बीच भारत ने रूस से बीते साल की इसी अवधि के मुकाबले 8 गुना अधिक का तेल आयात किया है। भारत ने रूस पन लगे प्रतिबंधों का पूरा फायदा उठाया जिसकी वजह से उसको सस्‍ता तेल मिला। बता दें कि भारत अपनी जरूरत का करीब 80 फीसद से अधिक तेल बाहरी दुनिया से आयात करता है।