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    'कश्मीर खाली करो', संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को भारत का जवाब; पीएम अनवारुल हक काकर को दिखाया आईना

    By Jagran NewsEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Sat, 23 Sep 2023 10:06 PM (IST)

    पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठा तो दिया लेकिन उसका जिस तरह का जवाब भारत की तरफ से दिया गया है उसकी उम्मीद उनको नहीं रही होगी। भारत ने पाकिस्तानी पीएम का जवाब देते हुए उन्हें सलाह दे डाली कि पाकिस्तान जैसे देश को दूसरे देशों को मानवाधिकार पर सीख नहीं देनी चाहिए।

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    'कश्मीर खाली करो', संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को भारत का जवाब; पीएम काकर को दिखाया आईना (फोटो एएनआई/रायटर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठा तो दिया, लेकिन उसका जिस तरह का जवाब भारत की तरफ से दिया गया है, उसकी उम्मीद उनको नहीं रही होगी।

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    भारत ने पाकिस्तानी पीएम को दिखाया आईना

    भारत ने पाकिस्तानी पीएम का जवाब देते हुए उन्हें सलाह दे डाली कि पाकिस्तान जैसे देश को दूसरे देशों को मानवाधिकार पर सीख नहीं देनी चाहिए। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान से दो टूक कहा है कि उसे अपने हिस्से के कश्मीर को खाली करना होगा, क्योंकि पूरा कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। यह जवाब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में तैनात विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव पेटल गहलोत से दिलाया है, जो यह बताता है कि पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री को भारत कितनी गंभीरता से ले रहा है।

    भारत के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाना पाकिस्तान की पुरानी आदत

    पेटल गहलोत ने अपने जवाब में कहा कि इस वैश्विक मंच से दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के खिलाफ आधारहीन व दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाना पाकिस्तान की पुरानी आदत है। सदस्य देश जानते हैं कि पाकिस्तान अपने बेहद खराब मानवाधिकार के रिकॉर्ड को छिपाने व वैश्विक बिरादरी का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा करता है। हम इस बात को दोहराना चाहते हैं कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का मामला पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। भारत के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान को दखल देने का कोई हक नहीं है।

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    पेटल गहलोत ने पाकिस्तान को दिए तीन सुझाव

    उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने के लिए पाकिस्तान को तीन सुझाव भी दिए हैं। पहला, पाक सीमा पार आतंकवाद को बंद करे और आतंकवाद के लिए सारी ढांचागत सुविधाएं बंद करे। दूसरा, भारत के उस हिस्से को खाली करे जो उसने जबरदस्ती कब्जा कर रखा है। तीसरा, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार मानवाधिकार उल्लंघनों को बंद किया जाए। भारत ने इस जवाब के जरिये पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति को वैश्विक मंच के सामने लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

    पाकिस्तान का अपना मानवाधिकार रिकॉर्ड बहुत ही खराब है- पेटल गहलोत

    पेटल गहलोत ने आगे कहा कि पाकिस्तान का अपना मानवाधिकार का रिकॉर्ड बहुत ही खराब है। खास तौर पर अल्पसंख्यकों और महिलाओं की स्थिति के मामले में। किसी दूसरे देश पर अंगुली उठाने से पहले पाकिस्तान को अपनी आंतरिक स्थिति को देखना चाहिए। उन्होंने हाल ही में जरांवाला में ईसाई समुदाय पर बहुत बड़ी भीड़ की तरफ से किए गए हमले का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अगस्त, 2023 में फैसलाबाद में कुल 19 चर्च और 89 ईसाइयों के मकान जमींदोज किए गए।

    एक हजार से ज्यादा लड़कियों का होता है अपहरण

    हाल ही में पाकिस्तान की मानवाधिकार समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां हर वर्ष अल्पसंख्यक समुदाय की एक हजार से ज्यादा लड़कियों का अपहरण होता है और उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है।

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