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Coal Import Duty: भारत सरकार ने एन्थ्रेसाइट, पीसीआई और कोकिंग कोल से आयात शुल्क हटाया

Coal Import Duty बिजली उत्पादन संयंत्रों की क्षमता बढ़ाने के लिए ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में कई कदम उठाए हैं। इसमें घरेलू और आयातित दोनों प्रकार के कोयले पर आधारित संयंत्रों की क्षमता बढ़ाना शामिल है।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 10:31 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 11:03 PM (IST)
Coal Import Duty: भारत सरकार ने एन्थ्रेसाइट, पीसीआई और कोकिंग कोल से आयात शुल्क हटाया
भारत ने एन्थ्रेसाइट, पीसीआई और कोकिंग कोल से आयात शुल्क हटाया

नई दिल्ली, रायटर: भारत सरकार ने कच्चे माल की लागत को कम करने के कोयले से आयात शुल्क हटाने का फैसला किया है। केंद्र से जारी आदेश के मुताबिक एन्थ्रेक्टाइट, पीसीआई और कोकिंग कोल से आयात शुल्क हटाने का फैसला किया गया है। यह उपाय 22 मई से प्रभावी होगा। मौजूदा वक्त में शुन्य से लेकर 2.5 फीसदी तक आयात शुल्क लगाया जा रहा है।

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आयातित कोयले से मई में दोगुना बिजली उत्पादन

वहीं, दूसरी ओर आयातित कोयले के इस्तेमाल से घरेलू कोयले पर आधारित संयंत्रों में मई में बिजली का उत्पादन दोगुना रहा है। आधिकारिक डाटा के अनुसार, आयातित कोयले पर आधारित संयंत्रों में मई में रोजाना 14.3 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पाद हुआ है। पिछले साल मई में रोजाना केवल 6.6 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ था।

बिजली उत्पादन संयंत्रों की क्षमता बढ़ाने के लिए ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में कई कदम उठाए हैं। इसमें घरेलू और आयातित दोनों प्रकार के कोयले पर आधारित संयंत्रों की क्षमता बढ़ाना शामिल है। आंकड़ों के मुताबिक, मई में आयातित कोयले पर आधारित संयंत्रों से होने वाले उत्पादन में हर रोज 14.5 से 16 करोड़ यूनिट की बढ़ोतरी हुई है।

इन संयंत्रों से मई में हर रोज 30.3 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। एक साल पहले समान अवधि में यह उत्पादन 21.1 करोड़ यूनिट रहा था। मई में घरेलू कोयले से प्रतिदिन बिजली उत्पादन 246.5 करोड़ यूनिट से बढ़कर 324.4 करोड़ यूनिट पर पहुंच गया।

ऊर्जा मंत्रालय की ओर से उठाए गए कदम

- बंद पड़े बिजली उत्पादन संयंत्रों को फिर से चालू किया गया।

- घरेलू कोयले की आपूर्ति को बेहतर किया गया।

- राज्यों, बिजली उत्पादक कंपनियों समेत सभी हितधारकों के साथ लगातार विचार-विमर्श किया गया।

- कोयले के आयात और परिवहन पर विशेष ध्यान दिया गया।

- सभी हितधारकों के साथ अंतरमंत्रालयी बैठक कर विमर्श किया गया।

- संचालन संबंधी सभी समस्याओं के समाधान पर जोर दिया।


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