'पानी दे दो...', गुहार लगाता रहा पाकिस्तान; भारत ने सिंधु जल संधि पर विचार करने से भी किया इनकार
भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की पाकिस्तान की गुहार को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समाप्त नहीं कर देता। भारत ने 64 वर्ष पुरानी इस संधि को अपनी ओर से ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सिंधु जल संधि स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की पाकिस्तान की मांग को भारत ने खारिज कर दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि यह संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को भरोसा करने लायक ढंग से समाप्त नहीं कर देता।
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने 64 वर्ष पुरानी इस संधि को अपनी ओर ठंडे बस्ते में डाल दिया है। भारत के इस फैसले से जलशक्ति मंत्रालय की सचिव देवाश्री मुखर्जी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को अवगत करा दिया है।
जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया रुख
इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के रूप में पाकिस्तान और उसके यहां मौजूद आतंकी ठिकानों पर भारत ने सैन्य कार्रवाई भी की। पाकिस्तान सरकार ने गत दिवस भारत से सिंधु जल संधि स्थगित करने का फैसला वापस लेने की गुहार लगाते हुए पहली बार इस समझौते पर फिर से चर्चा करने की इच्छा भी व्यक्त की है।
इस संदर्भ में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वर्तमान में यह संधि स्थगित रहेगी। पाकिस्तान को अपने आतंकी ढांचे को इस तरह समाप्त करना होगा कि उसे फिर से खड़ा न किया जा सके। भारत के लिए यह सब भरोसेमंद भी होना चाहिए।
पाकिस्तान ने एकतरफा और अवैध बताया
- उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का केवल एक विषय है और वह है उसके अवैध कब्जे वाले गुलाम कश्मीर को खाली करना। हम इस बातचीत के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान ने भारत से संधि को स्थगित करने के फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह करते हुए हेकड़ी भी दिखाई है। उसने इसे पाकिस्तान और उसकी अर्थव्यवस्था पर हमला बताते हुए भारत के कदम को एकतरफा और अवैध भी बताया है।
- अधिकारियों का कहना है कि सिंधु जल संधि पर प्रधानमंत्री की ओर से पूरी दुनिया को दिए गए स्पष्ट संदेश के बाद इसकी गुंजाइश ही नहीं रह गई है कि भारत की ओर से कोई नरमी दिखाई जाएगी। सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम ने कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।
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