भारत ने नौ सालों में कार्बन उत्सर्जन तीव्रता में सात प्रतिशत कमी की, मंत्री बोले- देश जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध
भारत सरकार ने संसद को बताया है कि देश में वित्तीय वर्ष 2014-2024 तक के नौ वर्षों में कार्बन तीव्रता (कार्बन इंटेंसिटी) में सात प्रतिशत की कमी हुई है। इसमें ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा का बढ़ता हिस्सा और ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का प्रभावी उपयोग शामिल है। केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा भारत जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत सरकार ने संसद को बताया है कि देश में वित्तीय वर्ष 2014-2024 तक के नौ वर्षों में कार्बन तीव्रता (कार्बन इंटेंसिटी) में सात प्रतिशत की कमी हुई है। इसमें ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा का बढ़ता हिस्सा और ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का प्रभावी उपयोग शामिल है।
ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते हिस्से से है यह लाभ- श्रीपद नाइक
केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा कि सरकार को पता है कि कोयला आधारित ऊर्जा वर्तमान में देश की बिजली उत्पादन मिश्रण में सबसे बड़ा योगदान देती है। भारत जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।
जबकि ऊर्जा सुरक्षा, सस्ती कीमत और विकास के लिए महत्वपूर्ण प्राथमिकताएं मानता है। साथ ही अर्थव्यवस्था के 'नेट-जीरो' उत्सर्जन को 2070 तक प्राप्त करने की दिशा में संक्रमण को सुनिश्चित करता है।
नाइक ने कहा, ''ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा के लगातार बढ़ते हिस्से और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के प्रचार के साथ भारत में ग्रिड बिजली की औसत कार्बन उत्सर्जन तीव्रता में लगभग सात प्रतिशत की महत्वपूर्ण कमी आई है। 2014-15 में 0.78 किलोग्राम/किलोवाट से 2023-24 में 0.72 किलोग्राम/किलोवाट की कमी है।''
कार्बन तीव्रता इस बात का माप है कि हमारी बिजली कितनी स्वच्छ है- मंत्री
भारत ने अगस्त 2022 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन ढांचे सम्मेलन में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से अपनी कुल विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता का लगभग 50 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था।
हालांकि देश ने इस लक्ष्य को पांच वर्ष पहले ही प्राप्त कर लिया। कार्बन तीव्रता इस बात का माप है कि हमारी बिजली कितनी स्वच्छ है। यह दर्शाता है कि एक किलोवाट प्रति घंटा बिजली उत्पादन के लिए कितने ग्राम कार्बन डाइआक्साइड (सीओ2) का उत्सर्जित करती है।
सरकार ने संपत्ति मुद्रीकरण से 1.42 लाख करोड़ जुटाए
सरकार ने वित्त वर्ष 2025 तक संपत्ति मुद्रीकरण के विभिन्न तरीकों से 1,42,758 करोड़ रुपये जुटाए हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस वित्त वर्ष के लिए संपत्ति मुद्रीकरण का वित्तीय योगदान 30 हजार करोड़ रुपये है। सरकार राजमार्ग संपत्तियों को तीन तरीकों से मुद्रीकरण करती है-टोल आपरेट और ट्रांसफर (टीओटी), इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और सिक्योरिटाइजेशन।
मार्च, 2024 से छह राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में कैशलेस ट्रीटमेंट आफ रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स स्कीम,2025 (योजना) पायलट योजना की शुरुआत के बाद से 31 जुलाई, 2025 तक 4,971 सड़क दुर्घटना पीडि़तों का इलाज किया गया। कोई भी व्यक्ति जो मोटर वाहन से सड़क दुर्घटना का शिकार होता है, उसे देश भर में किसी भी निर्दिष्ट अस्पताल में सात दिनों में प्रति पीडि़त 1.5 लाख रुपये तक के उपचार कवरेज का अधिकार होगा।
एअर इंडिया व एअर इंडिया एक्सप्रेस को 9,568 करोड़ का नुकसान
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस ने वित्तीय वर्ष 2025 में 9,568.4 करोड़ रुपये का कर पूर्व नुकसान दर्ज किया है। पिछले वित्तीय वर्ष में अकासा एयर और स्पाइसजेट ने क्रमश: 1,983.4 करोड़ रुपये और 58.1 करोड़ रुपये का कर पूर्व नुकसान दर्ज किया, जबकि इंडिगो ने 7,587.5 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ दर्ज किया।
ये आंकड़े नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहाल ने लोकसभा में साझा किए। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया ने 3,890.2 करोड़ रुपये का कर पूर्व नुकसान दर्ज किया, जबकि लंबे समय से लाभ देने वाली शाखा एअर इंडिया एक्सप्रेस ने 2024-25 में 5,678.2 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया। एअर इंडिया का कर्ज 26,879.6 करोड़ रुपये था, जबकि इंडिगो का कर्ज 67,088.4 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
एअर इंडिया पर 29 उल्लंघनों के लिए डीजीसीए के चार नोटिसनागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहाल ने लोकसभा में बताया कि एअर इंडिया और विस्तारा के विलय के बाद कुछ प्रणालीगत समस्याओं के उदाहरण देखे गए हैं।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एअर इंडिया के खिलाफ 29 उल्लंघनों के लिए चार कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। ये उल्लंघन डीजीसीए की प्रवर्तन नीति और प्रक्रिया मैनुअल के अनुसार संबोधित किए गए हैं।
नए सॉफ्टवेयर और सिस्टम के अपनाने में आईं समस्याएं
मंत्री ने बताया, ''प्रणालीगत समस्याएं नए सॉफ्टवेयर और सिस्टम के अपनाने के कारण थीं। एअर इंडिया से अनुपालन का उत्तर प्राप्त हुआ है।'' डीजीसीए ने भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2020 से जून 2025 तक 171 नियामक ऑडिट किए हैं।
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