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    स्पेन ने भारत को सौंप दिए सभी एयरबस सी-295 विमान, समय से दो महीने पहले हुई डिलीवरी; जानिए इसकी खासियत

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 11:30 PM (IST)

    भारत को स्पेन से 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों का अंतिम विमान मिल गया है जिससे देश की रक्षा क्षमताएं मजबूत होंगी। यह विमान आधुनिक तकनीक से लैस है और पुराने एवरो विमानों की जगह लेगा। 56 विमानों में से 16 की डिलीवरी स्पेन से हुई है जबकि बाकी 40 का निर्माण भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

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    सी-295 पांच से दस टन क्षमता वाला परिवहन विमान है (फोटो: रॉयटर्स)

    पीटीआई, लंदन। भारत को स्पेन से मिलने वाला 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों का अंतिम विमान शनिवार को मिल गया। यह देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित होगा। सी-295 पांच से दस टन क्षमता वाला परिवहन विमान है। यह आधुनिक तकनीक से लैस है। यह वायु सेना के पुराने एवरो विमानों का स्थान लेगा।

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    इसकी डिलीवरी समय से दो महीने पहले की गई है। स्पेन में भारतीय राजदूत दिनेश के पटनायक ने वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सेविले में एयरबस डिफेंस एंड स्पेस असेंबली लाइन पर 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों में से अंतिम विमान प्राप्त किया।

    11 घंटे तक की उड़ान क्षमता वाला है विमान

    11 घंटे तक की उड़ान क्षमता वाला यह विमान एक बहुमुखी सामरिक परिवहन विमान है। भारत ने सितंबर 2021 में वायु सेना के लिए 56 सी-295 एमडब्ल्यू परिवहन विमानों की खरीद के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस स्पेन के साथ अनुबंध किया था। कुल 56 विमानों की डिलीवरी की जानी है, जिनमें से 16 विमानों की डिलीवरी सीधे एयरबस द्वारा स्पेन से की जानी थी और शेष 40 का निर्माण भारत में किया जाएगा।

    स्पेन ने शनिवार को 16 विमानों में से अंतिम विमान सौंपकर उस प्रतिबद्धता को पूरा किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्पेन के समकक्ष पेड्रो सांचेज ने पिछले साल अक्टूबर में गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) परिसर में सी-295 विमानों के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट काम्प्लेक्स का संयुक्त उद्घाटन किया था। टीएएसएल भारत में इन 40 विमानों को बनाने के लिए जिम्मेदार है। यह भारत में सैन्य विमानों के लिए पहला निजी क्षेत्र का फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) बन गई है।

    यह पूरी पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में शामिल होगा, जिसमें निर्माण से असेंबली, परीक्षण, डिलीवरी और विमान के पूरे जीवनचक्र के रखरखाव तक का कार्य शामिल होगा। टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड जैसी अग्रणी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां, साथ ही निजी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी इस कार्यक्रम में योगदान देंगे।

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