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    म्यांमार और थाइलैंड की मदद के लिए भारत तैयार, विदेश मंत्रालय को दिए गए निर्देश; पीएम मोदी करने वाले हैं दौरा

    Updated: Fri, 28 Mar 2025 10:39 PM (IST)

    म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप के बाद भारत ने तत्काल मदद की पेशकश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर चिंता जताते हुए राहत और बचाव कार्यों के लिए तत्परता दिखाई। विदेश मंत्रालय दोनों देशों से संपर्क में है ताकि आवश्यक मदद पहुंचाई जा सके। पीएम मोदी अगले हफ्ते थाईलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं जिससे इस दौरे पर भी असर पड़ सकता।

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    भारत म्यांमार-थाईलैंड की करेगा सहायता। (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। म्यांमार और थाइलैंड में आए भूकंप के बाद इन देशों को मदद पहुंचाने के लिए भारत तैयार है। देर शाम तक दोनों देशों के साथ भारतीय अधिकारी संपर्क हैं ताकि सही तरह से वहां हुए नुकसान और जरूरतों का आकलन हो सके।

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    भारत की मुस्तैदी इस बात से समझी जा सकती है कि भूकंप आने के दो घंटे के भीतर ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी चिंता जताई और मदद की पेशकश कर दी।

    पीएम मोदी ने दिया आश्वासन

    पीएम मोदी ने लिखा कि, "म्यांमार और थाइलैंड में आए भूकंप की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हरसंभव मदद करने को तत्पर है। अपनी एजेंसियों को तैयार रहने को कहा है। विदेश मंत्रालय को भी निर्देश दिया गया है कि म्यांमार और थाइलैंड के संपर्क में रहे।''

    पीएम मोदी अगले हफ्ते तीन और चार अप्रैल को बैंकाक की यात्रा पर जाने वाले हैं। वहां 04 अप्रैल, 2025 को छठी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन होने वाला है जिसमें भारत, थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे।

    थाईलैंड दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी?

    पीएम मोदी की यह तीसरी थाईलैंड यात्रा की तैयारियां चल ही रही थी कि ठीक एक हफ्ते पहले वहां भूकंप आ गया है। भूकंप से शिखर सम्मेलन पर होने वाले असर को लेकर जब सवाव पूछा गया तो विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि, “हम थाइलैंड के साथ संपर्क में है। अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि हम कुछ कह सकें। मदद पहुंचाने को लेकर म्यांमार और थाईलैंड दोनों देशों के साथ बात हो रही है। हम उनकी सही जरूरत क्या है, इसे जानने की कोशिश कर रहे हैं। भारत हमेशा से ही इस क्षेत्र में किसी प्राकृतिक आपदा होने पर सबसे पहले मदद पहुंचाने वाला होता है।''

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