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    भारत-नीदरलैंड बैठक: पाकिस्तान को हथियार आपूर्ति पर जताई चिंता

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 10:36 PM (IST)

    भारत ने नीदरलैंड के साथ बैठक में पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति का मुद्दा उठाया। इस बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और भू-राजनीतिक मु ...और पढ़ें

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    नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील से मिले एस. जयशंकर । (X- @DrSJaishankar)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील के साथ अपनी बैठक में पाकिस्तान को नीदरलैंड से हो रही हथियारों की आपूर्ति का मुद्दा उठाया गया। भारतीय पक्ष ने इस पर गंभीर चिंता जताई, क्योंकि पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित करने वाला देश माना जाता है।

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    वैन वील ने बाद में भारतीय मीडिया से बातचीत में इसकी पुष्टि की और कहा कि यह आपूर्ति पुराने समझौतों के तहत हो रही है, जिन्हें पूरा किया जाना आवश्यक है। भारत और नीदरलैंड के बीच तेजी से संबंध प्रगाढ़ हो रहे हैं लेकिन नीदरलैंड की तरफ से पाकिस्तान को लगातार हथियारों की आपूर्ति भारत केलिए चिंता का कारण बना हुआ है।

    नीदरलैंड आज की तारीख में चीन के बाद पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। पाकिस्तान को सैन्य जहाजों, हेलीकॉप्टर व राडार की आपूर्ति नीदरलैंड करता है।

    नई दिल्ली में हुई बैठक में दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि भारत और नीदरलैंड के बीच आर्थिक, प्रौद्योगिकी और रक्षा सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों पर जोर दिया और कहा कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन, डिजिटल अर्थव्यवस्था और व्यापार में साझेदारी बढ़ा सकते हैं।

    जयशंकर ने बैठक के शुरुआत में कहा कि, “हम निश्चित रूप से नीदरलैंड के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, द्विपक्षीय रूप से तथा यूरोपीय संघ में एक प्रमुख भागीदार के रूप में। आज जब हम मिल रहे हैं, तो हम इस बात को स्वीकार करेंगे कि पिछले कुछ महीनों में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, जिन्होंने हमारे सहयोग में नई आयाम जोड़े हैं।"

    "हम आपकी मदद पर भरोसा करते हैं क्योंकि हम यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत के एक निर्णायक चरण की ओर बढ़ रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि यह चरण सफल होगा। हमारा जल क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी है लेकिन सेमीकंडक्टर जैसे नए सहयोग के क्षेत्रों में हमारे संबंधों की को बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। इसलिए चाहे सेमीकंडक्टर, डिजिटल, साइबरस्पेस या जीवन विज्ञान हम आपके साथ और निकटता से काम करना चाहेंगे।''