पेरू और चिली के जरिये दक्षिण अमेरिका में व्यापार विस्तार की तैयारी कर रहा भारत, उठाने वाला है ये कदम
भारत दक्षिण अमेरिकी देशों में व्यापार बढ़ाने के लिए पेरू और चिली के साथ व्यापार समझौते करने की तैयारी कर रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का दक्षिण अमेरिका को निर्यात 20 अरब डॉलर रहा, जबकि चीन का 500 अरब डॉलर से अधिक है। समझौते से भारत को दुर्लभ खनिज पदार्थ प्राप्त करने में मदद मिलेगी और व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे।

भारत उठाने जा रहा ये बड़ा कदम।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका और यूरोप में भले ही भारत का वस्तु निर्यात लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन दक्षिण अमेरिकी देशों में अब भी भारत की निर्यात हिस्सेदारी अत्यंत कम है।
भारत ने पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 440 अरब डॉलर का निर्यात किया था और इनमें सिर्फ 20 अरब डॉलर का निर्यात दक्षिण अमेरिका में किया गया। दक्षिण अमेरिका में 30 से अधिक देश हैं और सभी देशों को मिलाकर दक्षिण अमेरिका सालाना 1.4 ट्रिलियन डॉलर का आयात करता है। हालांकि, इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 20 अरब डॉलर की है। चीन दक्षिण अमेरिका में सालाना 500 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात करता है।
भारत उठाने जा रहा ये बड़ा कदम
इसे ध्यान में रखते हुए ही वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय अब पेरू व चिली जैसे दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ क्रंपेहेंसिव इकोनामिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) करने जा रहा है। मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के साथ व्यापार समझौते को लेकर तीन राउंड की बातचीत हाल ही में पूरी हुई है। वार्ता सफल तरीके से आगे बढ़ रही है और अगले साल आरंभ में इन देशों के साथ व्यापार समझौता हो सकता है। व्यापार समझौते में वस्तु के साथ सेवा सेक्टर को भी शामिल किया गया है।
भारत को मिल सकता है इस चीज का फायदा
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक पेरू और चिली जैसे देशों में दुर्लभ किस्म के खनिज पदार्थ भारी मात्रा में पाए जाते हैं। इन देशों के साथ व्यापार समझौता होने पर दुर्लभ खनिज पदार्थ हासिल करने में आसानी होगी। जानकारों का कहना है कि पेरू की अर्थव्यवस्था का आकार भले ही मात्र 300 अरब डॉलर का है, लेकिन यहां की प्रति व्यक्ति आय सालाना 7000 डॉलर है और लोगों की खरीदारी क्षमता काफी अधिक है।

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