समंदर में बढ़ी भारत की ताकत, पूर्वी समुद्री तट की सुरक्षा के लिए मिला तटरक्षक बल को मिला 'अमूल्य'
समुद्री सुरक्षा में भारतीय तटरक्षक बल को नई पीढ़ी का तीव्र गति वाला गश्ती पोत ''अमूल्य'' मिल गया है। नई अदम्य श्रेणी की आठ तीव्र गश्ती पोतों की श्रृंख ...और पढ़ें

नई पीढ़ी का तीव्र गति वाला गश्ती पोत ''अमूल्य'' । (पीआईबी)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: समुद्री सुरक्षा में भारतीय तटरक्षक बल को नई पीढ़ी का तीव्र गति वाला गश्ती पोत ''अमूल्य'' मिल गया है। नई अदम्य श्रेणी की आठ तीव्र गश्ती पोतों की श्रृंखला में यह अमूल्य भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में आने वाला तीसरा पोत है। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित 51 मीटर लंबा यह पोत देश में पोत निर्माण में नया मानदंड स्थापित करता है। इसके 60 प्रतिशत से अधिक घटक देश में निर्मित हैं।
गोवा में एक समारोह के दौरान शुक्रवार को इसे तटरक्षक बल में आधिकारिक तौर पर शामिल किया गया। अमूल्य पोत निगरानी, खोज और बचाव, तस्करी विरोधी अभियान और प्रदूषण प्रतिक्रिया सहित कई मिशनों को अंजाम देने के साथ ही देश के पूर्वी समुद्री तट की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगा।रक्षा मंत्रालय के अनुसार अमूल्य अर्थात अनमोल आत्मनिर्भर भारत और मेक-इन-इंडिया पहल के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत की निरंतर प्रगति को दर्शाता है।
समुद्र में लंबे अभियान को अंजाम देने में सक्षम
आधुनिक डिजाइन पद्धति पर आधारित यह पोत दक्षता, स्थायित्व और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता से युक्त है। 3000 किलोवाट के दो उन्नत डीजल इंजनों से संचालित यह पोत 27 समुद्री मील की अधिकतम गति से चल सकता है। जबकि इसकी परिचालन क्षमता 1500 समुद्री मील की है। इससे भारत के समुद्री क्षेत्रों में लंबे अभियान को अंजाम देना संभव हो पाएगा।
अमूल्य को तटरक्षक बल में शामिल किए जाने के समारोह की अध्यक्षता रक्षा विभाग के संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद ने की और इसमें तटरक्षक बल, केंद्र तथा राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। समुद्री सुरक्षा की चुनौतियों को देखते हुए यह पोत स्वदेश निर्मित अत्याधुनिक हथियारों-प्रणालियों से सुसज्जित है। साथ ही बेहतर गतिशीलता, संचालन अनुकूलता और समुद्र में उन्नत प्रदर्शन करने में सक्षम है।
भारतीय तटरक्षक बल को मजबूती प्रदान करेगा
समुद्र में निगरानी, अवरोध, खोज एवं बचाव, तस्करी विरोधी अभियान और प्रदूषण नियंत्रण सहित कई अभियानों को अंजाम देने में यह सक्षम है। अमूल्य विशेषकर पूर्वी तट की सुरक्षा में भारतीय तटरक्षक बल को मजबूती प्रदान करेगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, अमूल्य ओडिशा के पारादीप में तैनात रहेगा और तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर पूर्व) कमान के प्रशासनिक और परिचालन नियंत्रण में काम करेगा। इस पोत की कमान कमांडेंट (जेजी) अनुपम ¨सह को सौंपी गई है जिसमें पांच अधिकारी और 34 कर्मी शामिल हैं।

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