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    एयरो सिटी और मेडिसिटी जैसे थीम बेस बनेंगे नए स्‍मार्ट शहर, किन राज्‍यों के लिए कितना बजट मंजूर?

    Updated: Tue, 27 May 2025 07:47 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में राज्यों को 12 नए ग्रीनफील्ड शहरों के निर्माण के लिए सहायता का प्रस्ताव दिया है। ये शहर विशिष्ट आर्थिक पहचान के साथ विकसित किए जाएंगे जैसे एयरो सिटी या मेडिसिटी की तरह। इसके लिए बजट एक लाख करोड़ रुपये के अर्बन चैलेंज फंड से दिया जाएगा।

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    देश में बनेंगे 12 नए ग्रीनफील्ड शहर, जहां रोजगार, आर्थिक केंद्र और आधुनिक सुविधाएं होंगी। प्रतीकात्‍मक

    मनीष तिवारी, नई दिल्ली। इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने राज्यों को एयरो सिटी और मेडिसिटी जैसी किसी थीम पर आधारित 12 ग्रीनफील्ड यानी एकदम नए शहर बनाने के लिए सहायता देने का प्रस्ताव किया है। इन्हें आर्थिक आधार पर स्पष्ट पहचान के साथ विकसित किया जाएगा।

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    राज्यों को केंद्र सरकार की मदद से प्रतिस्पर्धा के आधार पर इन शहरों को अपने यहां विकसित करने का मौका मिलेगा। यह सहायता इस साल बजट में शहरी विकास के लिए घोषित एक लाख करोड़ रुपये के अर्बन चैलेंज फंड का अंग है।

    आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की एक समिति राज्यों से आने वाले प्रस्तावों की जांच कर सबसे अधिक उपयुक्त 12 को अपनी मंजूरी प्रदान करेगी। ये नए शहरी केंद्र 50 हेक्टेयर में विकसित होंगे और इन्हें चरणबद्ध रूप से नियोजित ढंग से विकसित करने पर जोर दिया गया है।

    वित्त मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार, नए शहर रोजगार और विकास को गति प्रदान करने के लिहाज से विकसित किए जाएंगे। इनके लिए पर्यटन, विरासत, ज्ञान औऱ कौशल, लाजिस्टिक, मैन्युफैक्चरिंग, शोध और अनुसंधान, आईटी-आईटी-ईएस जैसी थीम की कसौटी निर्धारित की गई है। इसके लिए केंद्र सरकार से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च की जाएगी।

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    किन राज्‍यों को मिलेगा कितना पैसा?

    सरकार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, बिहार, झारखंड, दिल्ली जैसे प्रमुख राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हर प्रस्ताव पर 250 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

    पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए यह राशि 150 करोड़ रुपये होगी। राज्यों को इन शहरी केंद्रों में अलग-अलग आय समूह के लोगों के लिए घर, सुविधाओं और रोजगार के समान अवसर उपलब्ध कराने होंगे। इसका ध्यान शहरों की योजना बनाने के समय से ही दिया जाना है।

    इन शहरी केंद्रों में जो अनिवार्य विशेषताएं होंगी, उनमें नगरीय सुविधाओं का आधुनिक ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसा जरूरी सामाजिक बुनियादी ढांचा, एकीकृत ब्लू-ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी नदी-जलाशय और पार्क आदि, रिन्यूएबल एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल है।

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