भारत-पाक ने साझा की परमाणु प्रतिष्ठानों और कैदियों की सूची, पाकिस्तानी जेल में हैं 282 भारतीय कैदी
ऐसा करने के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौता है जो 31 दिसंबर 1988 को किया गया था और एक जनवरी 1992 को पहली बार सूची साझा की गई थी। ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और अपनी-अपनी जेलों में बंद एक दूसरे के कैदियों की सूची साझा की। परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची हर वर्ष के पहले दिन साझा की जाती है और बुधवार को यह लगातार 29वीं बार साझा की गई। दोनों देशों ने यह चलन अभी तक नहीं तोड़ा है। ऐसा करने के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौता है जो 31 दिसंबर, 1988 को किया गया था और एक जनवरी, 1992 को पहली बार सूची साझा की गई थी।
दोनों देशों ने काउंसलर एक्सेस एग्रीमेंट के तहत अपनी-अपनी जेलों में बंद एक दूसरे के कैदियों की सूची भी साझा की। इस एग्रीमेंट पर 21 मई, 2008 को हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत दोनों देश हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को अपनी-अपनी जेलों में बंद एक दूसरे के कैदियों की सूची का आदान प्रदान करते हैं। पाकिस्तान ने अपनी जेल में बंद 282 भारतीय कैदियों की सूची दी है।
इसमें 227 मछुआरे हैं जबकि शेष 55 नागरिक हैं। भारत की तरफ से पाकिस्तान को इस संदर्भ में जो सूची सौंपी गई है उसके मुताबिक भारतीय जेलों में 366 पाकिस्तानी कैद हैं। इनमें 267 पाकिस्तानी नागरिक हैं जबकि शेष मछुआरे हैं। सनद रहे कि पिछले वर्ष भारत ने पाकिस्तान को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें सजा काट चुके या मानसिक तौर पर असंतुलित कैदियों को छोड़ने की बात थी। लेकिन पाकिस्तान की तरफ से उस प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं आया है।
विदेश कार्यालय ने बताया कि यह सूची 21 मई, 2008 को पाकिस्तान और भारत के बीच हुए राजनयिक पहुंच समझौते के प्रावधानों के तहत सौंपी गई है। दोनों देशों को एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूचियों का आदान-प्रदान एक साल में दो बार, एक जनवरी और एक जुलाई को करना आवश्यक होता है। विदेश कार्यालय ने बताया कि भारत सरकार भी पाकिस्तानी कैदियों की सूची नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के साथ साझा की।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।