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    चार दिन में कैसे घुटनों पर आया पाकिस्तान? 5 प्वाइंट्स में समझें भारत-पाक सीजफायर के पीछे की कहानी

    Updated: Sun, 11 May 2025 12:03 PM (IST)

    22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के कयास लगाए जा रहे थे। पिछले 4 दिन से परिस्थितियां और भी ज्यादा नाजुक हो गई थीं। ऐसे में 10 मई की शाम को अचानक दोनों देशों ने युद्धविराम घोषित कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका एलान किया। हालांकि यह संभव कैसे हुआ?

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    भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की इनसाइड स्टोरी। फोटो - जेएनएन

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 7 मई 2025 की आधी रात को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान और PoK में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया। भारतीय सेना ने रात में 90 के आसपास आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। भारत की इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने न आव देखा न ताव और 8 मई की रात को सीमा से सटे इलाकों पर हमले करने शुरू कर दिए।

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    पाकिस्तान ने पुंछ और राजौरी समेत रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया। जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना ने भी पाकिस्तानी सेना के कई महत्वपूर्ण अड्डों को तबाह कर दिया। पाकिस्तान यहीं नहीं रुका, 9 मई की रात भी उसने ड्रोन हमले जारी रखे। इसके जवाब में सेना ने रावलपिंडी समेत पाक सेना के 4 एयरबेस नष्ट कर दिए। पाकिस्तान ने फतेह मिसाइल दागी, जिसे सिरसा एयरबेस से हवा में ही खत्म कर दिया गया।

    क्यों हुआ सीजफायर?

    दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बन चुके थे। पाकिस्तान अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आ रहा था और MEA की प्रेस कॉन्फ्रेंस के अनुसार, जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाक को खूब नुकसान पहुंचाया। मगर 10 मई को आखिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों देशों ने सीजफायर का एलान कर दिया?

    1. एयरबेस की तबाही

    सीजफायर की कहानी 9-10 मई की रात से शुरू होती है, जब पाकिस्तान पर करारा पलटवार करते हुए भारतीय वायुसेना ने पाक सैन्य ठिकानों पर ब्रह्मोस-ए क्रूज मिसाइल दाग दी। विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि, इस दौरान रावलपिंडी के नूरखान, चकलाला और पंजाब के सरगोधा एयरबेस को निशाना बनाया गया। यह हमला रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय के बेहद करीब हुआ। इसके बाद PoK में जकोबाबाद, भोलारी और स्कार्दू एयरबेस को भी तबाह किया गया।

    2. पाकिस्तान को सताने लगा डर

    मीडिया रिपोर्ट्स् के अनुसार, भारत के द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर हमले से बौखलाए पाक को रक्षा सूत्रों से खबर मिली कि भारत का अगला निशाना उनके परमाणु कमांड और कंट्रोल इंफ्रास्ट्रक्चर हो सकते हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने रावलपिंडी समेत सभी संवेदनशील जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी।

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    भारत-पाकिस्तान हमला। फोटो- पीटीआई

    3. पाकिस्तान ने अमेरिका से मांगी मदद

    पाकिस्तान को डर था कि कहीं भारत उनके परमाणु ठिकानों पर हमला न कर दे। ऐसे में पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद मांगी। अमेरिका पहले से दोनों देशों के संपर्क में था। मगर, परमाणु की बात सुनकर अमेरिका भी हड़बड़ी में आ गया। अमेरिका ने तत्परता दिखाते हुए दोनों देशों से तुरंत पीछे हटने के लिए कहा।

    4. पाक DGMO ने भारत को किया फोन

    रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका ने इस्लामाबाद को बिना किसी देरी के बॉर्डर पर गोलीबारी बंद करने और भारत से बात करने का आदेश दिया। 10 मई की दोपहर को लगभग 03:35 बजे पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन किया और सीजफायर का ऑफर दिया। विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इसकी पुष्टि की है।

    शनिवार को दिल्ली के पीएम आवास पर हुई बैठक। फोटो- पीटीआई

    5. पाकिस्तान को दिया मौका

    भारत सीजफायर के लिए राजी तो हो गया, लेकिन भारत ने प्रोटोकॉल के बाहर जाकर पाकिस्तान के साथ कोई भी औपचारिक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता में शामिल होने से साफ मना कर दिया। भारत कथित रूप से पाकिस्तान के ऊर्जा और आर्थिक लक्ष्यों पर हमले की तैयारी कर रहा था। हालांकि, पाकिस्तान की गुजारिश पर उसे सीजफायर के रूप में एक मौका दिया गया है।

    भारत की शर्तों पर हुआ सीजफायर

    भारत ने पाकिस्तान से अपनी शर्तों पर सीजफायर किया है। सिंधु जल समझौता अभी भी रद है। साथ ही भारत ने साफ कर दिया है कि भविष्य में कोई भी आतंकवादी हमला भारत के लिए 'एक्ट ऑफ वॉर' माना जाएगा।

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