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    'मैच में कमाया पैसा नागरिकों की जिंदगी से ज्यादा है?', एशिया कप में भारत-पाक भिडंत पर विपक्षियों ने पूछा सवाल

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 03:00 AM (IST)

    पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुबई में होने वाले एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने मैच का बहिष्कार करने का आह्वान किया। शिवसेना (UBT) ने महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और जम्मू में प्रदर्शन किए जबकि आप ने दिल्ली में विरोध जताया।

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    एशिया कप में भारत पाकिस्तान के बीच मैच को लेकर विरोध प्रदर्शन।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुबई में हो रहे एशिया कप 2025 क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले को लेकर जमकर सियासत हुई। साथ ही देश में कई जगह प्रदर्शन भी हुए।

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    इस हाई-वोल्टेज मुकाबले के विरोध में विपक्षी दलों ने रविवार को पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन किया और लोगों से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के साथ इस मुकाबले का बहिष्कार करने का आह्वान किया। शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और जम्मू में विरोध प्रदर्शन किए, जबकि आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने दिल्ली में प्रदर्शन किया। भाजपा और केंद्र पर निशाना साधते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने सत्तारूढ़ पार्टी के राष्ट्रवाद और देश प्रेम का मखौल उड़ाया।

    टीवी तोड़े और की जमकर नारेबाजी

    राउत ने कहा कि भाजपा का हिंदुत्व एक तमाशा है। मुंबई राज्य ब्यूरो के अनुसार राउत ने कहा है कि इस मैच को लेकर देश की सामान्य जनता में रोष है। इसलिए प्रधानमंत्री ने इस मैच से जनता का ध्यान भटकाने के लिए मणिपुर जाने का निर्णय किया। इस बीच, पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रवक्ता आनंद दुबे के नेतृत्व में विरोध-प्रदर्शन किया, टीवी तोड़े और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) तथा केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मुंबई में महिला कार्यकर्ताओं ने हाथ में सिंदूर लेकर प्रदर्शन किया।

    कांग्रेस नेता उदित राज ने भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मैच की अनुमति देने के पीछे व्यावसायिक हित हैं। उधर, बेंगलुरु में शिवसेना यूबीटी के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का झंडा फूंका। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने के फैसले पर सवाल उठाया और भाजपा से सवाल किया कि क्या मैच से कमाया गया पैसा पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 नागरिकों की जान से ज्यादा कीमती है।

    'क्या मैच में कमाया पैसा, नागरिकों की जिंदगी से ज्यादा है?'

    भारतीय फिल्म और टेलीविजन निर्देशक संघ के अध्यक्ष अशोक पंडित ने मैच का विरोध करते हुए इसे देश के लिए काला दिन बताया और कहा कि क्रिकेटरों को शर्म आनी चाहिए, पैसा ही सब कुछ नहीं है।

    खेल का अपना एक अनुशासन होता है और कोरम होता : मनोहर लाल

    करनाल संवाददाता के अनुसार, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विश्व में खेल का अपना एक अनुशासन होता है और कोरम होता है। यह मैच पाकिस्तान में नहीं, बल्कि दुबई में हो रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया, जो बड़ा काम था। इसकी चारों ओर प्रशंसा हुई है। आज भी हमने दुश्मनों को चेतावनी दी हुई है कि नापाक हरकत करने पर कड़ा जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान से दुश्मनी स्थायी बनाए रखनी है, ऐसा नहीं है। हां, हमारी कुछ शर्ते हैं। पाकिस्तान को आतंकवाद को समाप्त करना होगा और गुलाम जम्मू-कश्मीर को वापस भारत को देना होगा। पाकिस्तान यह शर्तें माने तो अच्छे संबंध बनाने में कोई अड़चन नहीं है।

    प्रेट्र के अनुसार, शिवसेना (यूबीटी) पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, कुछ लोग देश के प्रति नकली देशभक्ति और अवसरवादी प्रेम का दिखावा करते हैं। सशस्त्र बल और प्रधानमंत्री मोदी सिंदूर की देखभाल के लिए हैं।

    भाजपा ने मैच के बहिष्कार के आह्वान को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर पाखंड का आरोप लगाया और कांग्रेस के साथ उनके गठबंधन पर सवाल उठाया।

    पहलगाम के पीड़ितों का छलका दर्द

    पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने मैच के लिए सरकार की आलोचना की। हमले में अपने पिता और भाई को खोने वाले सावन परमार ने इस मैच पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब बेकार लगता है। पाकिस्तान से किसी भी तरह का संबंध नहीं रहना चाहिए। अगर आप मैच खेलना चाहते हैं तो मेरे 16 साल के भाई को वापस ले आइए।

    उनकी मां किरण यतीश परमार ने पीएम मोदी से सवाल किया कि अगर ऑपरेशन सिंदूर अभी पूरा नहीं हुआ है तो यह मैच क्यों कराया जा रहा है। पीड़ित परिवारों के जख्म अभी भरे नहीं हैं।

    हमले के पीड़ित संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने कहा कि यह बहुत शर्मनाक है। पहलगाम की घटना को अभी छह महीने भी नहीं हुए हैं। उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर हुआ था। मुझे बुरा लगता है कि इतना कुछ होने के बावजूद बीसीसीआई को मैच के आयोजन में कोई शर्म नहीं है।

    उन्होंने क्रिकेटरों पर भी सवाल उठाए और कहा कि उन्हें इस आतंकी हमले में जान गंवाने वालों की कोई परवाह नहीं है। 

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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