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    भारत ने 23 मिनट में पाकिस्तान के साथ कर दिया 'खेल', चीनी तकनीक फुस्स; ऐसे पूरा किया ऑपरेशन सिंदूर

    Updated: Thu, 15 May 2025 09:00 AM (IST)

    22 अप्रैल को आतंकवादियों ने भारत के लोगों पर निशाना बनाकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद लोग सरकार से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। भारत की जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने सिर्फ 23 मिनट में पाकिस्तान की चीन निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम को जाम कर दिया और आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।

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    भारतीय सेना ने 23 मिनट में ऑपरेशन सिंदूर को दिया अंजाम (फोटो सोर्स- पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद पूरे देश में उबाल था और लोग सरकार से बस यही मांग कर रहे थे कि जल्द से जल्द आतंकियों का सफाया कर सरकार इस आतंकी हमले का बदला ले।

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    7 मई को सरकार ने मारे गए 26 लोगों का बदला लिया और पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में एयर स्ट्राइक कर आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 100 से ज्यादा आतंकियों का सफाया किया, जिसमें कुछ कुख्यात आतंकियों के नाम भी शामिल हैं।

    इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि भारतीय वायुसेना ने सिर्फ 23 मिनट में पाकिस्तान की चीन निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम को जाम कर दिया और सटीक निशाने के साथ अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

    लॉइटरिंग म्यूनिशन से किया हमला

    भारतीय वायुसेना ने नूर खान और रहीम यार खान जैसे प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस को टारगेट किया और 'लॉइटरिंग म्यूनिशन' यानी आत्मघाती ड्रोन का इस्तेमाल कर दुश्मन के रडार, मिसाइल सिस्टम और हाई-वैल्यू टारगेट्स को ध्वस्त कर दिया।

    'लॉइटरिंग म्यूनिशन' ऐसी हथियार प्रणालियां हैं जो टारगेट क्षेत्र में चक्कर लगाकर उपयुक्त टारगेट की तलाश करती हैं और फिर हमला करती हैं। पांच प्वाइंट्स में समझते हैं, भारत ने कैसे पूरे ऑपरेशन को दिया अंजाम...

    • सरकार ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से भारतीय प्रणालियों द्वारा दुश्मन के हथियारों को निष्प्रभावी करने के ठोस सबूत मिले हैं।
    • इनमें से एक चीनी मूल की पीएल-15 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल थी। सरकार ने बताया कि बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल के टुकड़े बरामद किए गए हैं।
    • भारत ने देखा कि पाकिस्तानी सेना ने तुर्किये मूल के यूएवी 'यिहा' या 'यीहॉ' कामिकेज़ ड्रोन का उपयोग किया।
    • पाकिस्तान ने असीसगार्ड सोंगर ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। यह सिस्टम वास्तविक समय में वीडियो प्रसारित कर सकता है और 5 किलोमीटर तक के मिशन दायरे में काम कर सकता है। इससे पता चलता है कि पाकिस्तानी ड्रोन भारत की सीमा के बहुत नजदीकी इलाकों से लॉन्च किए गए थे।
    • सरकार ने कहा कि कई प्रकार के लंबी दूरी के रॉकेट, क्वाडकॉप्टर और वाणिज्यिक ड्रोन बरामद किए गए और उनकी पहचान की गई, जिससे पता चलता है कि पाकिस्तान द्वारा विदेशों से प्राप्त उन्नत हथियारों का उपयोग करने के प्रयासों के बावजूद, भारत का स्वदेशी वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम बेहतर बना है।

    स्वदेशी तकनीक ने दिखाया कमाल

    सरकार के अनुसार, सभी हमले बिना किसी क्षति के सफलतापूर्वक तरीके से पूरे किए गए, जो हमारी सैन्य रणनीति, निगरानी और हथियार प्रणाली की ताकत को दर्शाता है। भारत के लॉन्ग रेंज ड्रोन से लेकर गाइडेड म्यूनिशन तक, भारत ने सैन्य आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल पेश की।

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