भारत का अफगानिस्तान में 'ऑपरेशन' अस्पताल, पाकिस्तान की उड़ी नींद! क्या है मामला?
अफगानिस्तान में भारत के 'ऑपरेशन' अस्पताल को लेकर पाकिस्तान में चिंता बढ़ गई है। इस अस्पताल के माध्यम से भारत की अफगानिस्तान में बढ़ती भूमिका और प्रभाव ...और पढ़ें

मौलवी नूर जलाल जलाली और जेपी नड्डा। (X- @JPNadda)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अफगानिस्तान में चिकित्सा सेवाओं का आधारभूत ढांचे के विकास के साथ-साथ गंभीर चिकित्सा सेवाओं की सुविधा उपलब्ध कराने में भारत मदद करेगा। अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली के साथ मुलाकात के दौरान भारतीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया। इससे आने वाले सालों में इलाज के लिए अफगानिस्तान की पाकिस्तान पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।
गुरूवार को दोनों स्वास्थ्य मंत्रियों की बातचीत में अफगानिस्तान में अहम मेडिकल प्रोजेक्ट पर लागू करने का फैसला लिया गया। इनमें पटकिया, खोस्त और पाकटिका प्रांत में पांच मातृ्त्व व स्वास्थ्य क्लिनिक खोलने के साथ काबुल में 30 बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण शामिल है। इसके अलावा काबुल में कैंसर उपचार सेंटर, ट्रामा सेंटर, डायगनोस्टिक सेंटर और थैलेसेमिना सेंटर खोलने का भी निर्णय हुआ।
अफगानिस्तान की ओर से की गई अन्य मांगों पर विचार का भरोसा दिया गया। जेपी नड्डा ने कहा कि मानवीय सहायता के तहत भारत अफगानिस्तान को पिछले चार सालों में 327 टन दवाइयां भेज चुका है। अफगानिस्तान के अनुरोध पर कैंसर दवाओं और सीटी स्कैन मशीन को भेजने की तैयारी चल रही है और इस महीने के अंत तक काबुल पहुंच जाएगा। इसके अलावा रेडिथैरेपी मशीन और अतिरिक्त दवाएं भेजने की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों का गंभीर बीमारियों से ग्रसित और आकस्मिक उपचार की मुफ्त इलाज की भारत में मिल रही सुविधा को जारी रखने का भरोसा दिया। इसके तहत अप्रैल से अभी तक 200 मेडिकल वीजा जारी किया जा चुका है।

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