India Nuclear Reactor: ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर स्थापित करे भारत: वैज्ञानिक वी के सारस्वत
India Nuclear Reactor वी के सारस्वत ने भारत सरकार को सुझाव दिया है कि भारत को ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर स्थापित करने चाहिए। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि इसमें निजी क्षेत्र की भी बड़ी भागीदारी हो सकती है।

नई दिल्ली, एजेंसी।India Nuclear Reactor- नीति आयोग के सदस्य और वैज्ञानिक वी के सारस्वत ने रविवार को सुझाव दिया है कि सरकार को छोटे माड्यूलर रिएक्टर स्थापित करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी और पुराने ताप विद्युत संयंत्रों को बदलने में भी मदद मिलेगी। सारस्वत ने यह भी कहा कि फ्लीट मोड उत्पादन के तहत स्थापित परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजनाओं को तेज किया जाना चाहिए, ताकि भारत जल्द से जल्द बेस लोड आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो सके।
वी के सारस्वत ने दिया सरकार को सुझाव
उन्होंने पीटीआइ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हमारा सुझाव है कि भविष्य में हमें छोटे माड्यूलर रिएक्टरों के लिए जाना चाहिए, जो वितरित तरीके से इस (ऊर्जा) आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम यह भी सोच रहे हैं कि पुराने हो रहे ताप विद्युत संयंत्रों को बदलने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका होगा। छोटे माड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) उन्नत परमाणु रिएक्टर हैं। जिनकी प्रति यूनिट 300 मेगावाट तक की बिजली क्षमता है, जो पारंपरिक परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की उत्पादन क्षमता का लगभग एक तिहाई है।
निजी क्षेत्र की बड़ी भागीदारी हो सकती है- सारस्वत
सारस्वत के अनुसार, एक उन्नत माड्यूलर रिएक्टर का लाभ यह है कि यह कारखाने का बना होता है और इसे किसी भी एजेंसी द्वारा संचालित किया जा सकता है और इसमें निजी क्षेत्र की भी बड़ी भागीदारी हो सकती है। वर्तमान में भारत 6,780 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 22 रिएक्टरों का संचालन करता है।
हमारी ऊर्जा सुरक्षा में काफी सुधार हुआ है- सारस्वत
भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर एक सवाल पर सारस्वत ने कहा कि हमारी ऊर्जा सुरक्षा में काफी सुधार हुआ है क्योंकि हम अब ऊर्जा की कमी वाले देश नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज भारत अपनी सभी ऊर्जा मांगों को घरेलू स्तर पर पूरा कर रहा है। सारस्वत ने कहा जहां तक बिजली उत्पादन का सवाल है, हम बेहतर स्थिति में हैं। हमारे पास सौर ऊर्जा है, जो दुनिया में लगभग सबसे सस्ती है और सौर संयंत्र स्थापित करने की लागत में कमी आई है। उन्होंने तर्क दिया कि तटीय बिजली संयंत्रों के मामले में कोयले का आयात चल रहा है। तटीय बिजली संयंत्रों के लिए राज्यों में परिवहन की तुलना में कोयला आयात करना सस्ता है।
परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लिए 2031 तक का रखा लक्ष्य
पिछले साल दिसंबर में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि देश में कुल बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा की हिस्सेदारी 2020-21 में लगभग 3.1 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा था कि परमाणु ऊर्जा सहित विभिन्न स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के संयोजन के माध्यम से शुद्ध-शून्य लक्ष्यों को पूरा करने की उम्मीद है। इस संदर्भ में 6,780 मेगावाट की वर्तमान परमाणु ऊर्जा क्षमता को 2031 तक बढ़ाकर 22,480 मेगावाट करने की योजना है। निर्माणाधीन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है, भविष्य में और अधिक परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की योजना बनाई गई है।
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