भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग का काम 70 प्रतिशत हुआ पूरा, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने दी जानकारी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग का निर्माण कार्य लगभग 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इस राजमार्ग के शुरू हो जाने के बाद भारत को जमीनी तौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ेगा। इससे तीनों देशों के व्यापार पर्यटन और शिक्षा आदि को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर यह कार्य कब पूरा होगा।

नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि महत्वाकांक्षी भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग पर लगभग 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। भारत, थाईलैंड और म्यांमार लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग बनाने का काम जारी है।
तीन देशों को जोड़ेगा राजमार्ग
भारत, थाईलैंड और म्यांमार राजमार्ग देश को जमीन के जरिए दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ेगा और तीनों देशों के बीच व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा। यह राजमार्ग भारत के मणिपुर में मोरेह को म्यांमार के रास्ते थाईलैंड में माई सोट से जोड़ेगा।
70 प्रतिशत पूरा हुआ निर्माण कार्य
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने परियोजना की प्रगति पर एक सवाल के जवाब में बताया, "परियोजना का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।" हालांकि, मंत्री ने त्रिपक्षीय राजमार्ग के पूरा होने और संचालन की समयसीमा के बारे में विवरण नहीं दिया। रणनीतिक राजमार्ग परियोजना में देरी हुई है। पहले सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2019 तक हाईवे को चालू करने का था।
यह होगा रूट
यह त्रिदेशीय हाईवे कोलकाता से शुरू होकर उत्तर में सिलीगुड़ी जाएगा। यहां से कूचबिहार होते हुए श्रीरामपुर सीमा के रास्ते असम में प्रवेश करेगा। इसके बाद, दीमापुर से नगालैंड में प्रवेश करेगा और मणिपुर के इंफाल के पास मोरेह से म्यांमार में प्रवेश करेगा। अंत में म्यांमार के मांडले, नैप्यीडॉ, बागो, यंगून और म्यावाडी शहरों से होते हुए मॅई सॉट के माध्यम से थाईलैंड में प्रवेश करेगा।
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