आकाश मिसाइल के उत्पादन के और करीब पहुंचा भारत, DRDO ने तकनीक से संबंधित जानकारियां MSQAA को सौंपीं
भारत आकाश मिसाइल के उत्पादन के और करीब पहुंच गया है। हैदराबादा में डीआरडीओ ने तकनीक से संबंधित जानकारियां एमएसक्यूएए को सौंपीं है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर डीआरडीओ भारतीय सेना और औद्योगिक जगत को बधाई दी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आकाश शस्त्र प्रणाली की तकनीक से संबंधित सभी गोपनीय जानकारियां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मिसाइल सिस्टम्स क्वालिटी एस्योरेंस एजेंसी (MSQAA) को सौंप दी है। जल्द ही एजेंसी थलसेना के लिए शस्त्र प्रणाली के संस्करण के लिए आवश्यक परीक्षण करेगी। स्वदेशी हथियारों के विकास और उत्पादन के लिए यह प्रक्रिया आवश्यक है।
डीआरडीओ ने जानकारियों को MSQAA को सौंपा
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि डीआरडीओ की ओर से अधिकृत अधिकारियों ने हैदराबाद में हुए समारोह में ये जानकारियां सील पैकेटों में एमएसक्यूएए को सौंपीं। सौंपे गए पैकेटों में शस्त्र प्रणाली से संबंधित सारी जानकारियां, उसका माडल, उसके परीक्षण की रिपोर्ट आदि हैं।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर डीआरडीओ, भारतीय सेना और औद्योगिक जगत को बधाई दी है। कहा है कि इससे हम अत्याधुनिक आकाश शस्त्र प्रणाली का उत्पादन कर उसे सेना में शामिल करने के और करीब पहुंच गए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि यह शस्त्र प्रणाली सेनाओं की जरूरतों को लंबे समय तक पूरा करेगी।
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आकाश क्या है?
आकाश देश में विकसित खास तरह का सतह से आकाश में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। यह सिस्टम थलसेना और वायुसेना के उपयोग में आएगा। इसके लिए 30 हजार करोड़ रुपये मूल्य का क्रय आदेश दिए जाने की उम्मीद है। यह भारतीय सेनाओं द्वारा देश में निर्मित किसी हथियार की सबसे बड़ी खरीद होगी।
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