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    जिनपिंग के ड्रीम प्रोजेक्ट के मुकाबले भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारा, वित्त मंत्री ने क्यों कहा- ये गेमचेंजर साबित होगा

    Updated: Thu, 01 Feb 2024 04:12 PM (IST)

    भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के समझौते पर जी20 सम्मेलन के दौरान कई देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। सम्मेलन में पीएम मोदी ने इसकी घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान भी भारत के इस प्रोजेक्ट का जिक्र किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि ये गेमचेंजर साबित होगा। आर्थिक गलियारे से जुड़ी अहम बातें आपको बताते हैं।

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    वित्त मंत्री ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारा गेमचेंजर साबित होगा

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में अंतरिम बजट पेश किया। बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कई बड़े एलान किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की उपलब्धियों के बारे में भी बताया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे का भी जिक्र किया। वित्त मंत्री ने कहा कि ये गलियारा भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक गेमचेंजर साबित होगा। उन्होंने ये भी कहा कि ये गलियारा सदियों तक विश्व व्यापार का आधार बन जाएगा। आपको बताते हैं कि ये आर्थिक गलियारा आखिर क्या है और इसकी चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) से तुलना क्यों की जा रही है।

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    बता दें कि पिछले साल हुए जी20 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी इस पहल की तारीफ कर चुके हैं। बाइडन ने गलियारे पर सहमति बनने के बाद इस पर खुशी भी जताई थी। बाइडन भी मानते हैं कि क्षेत्रीय निवेश के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।

    कौन-कौन से देश हैं शामिल?

    भारत-मध्य पूर्व- यूरोप गलियारा में भारत के अलावा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं। जी20 सम्मेलन के दौरान इन देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

    दो अलग-अलग गलियारों से कनेक्टिविटी

    भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे में दो अलग-अलग गलियारे होंगे। पूर्वी गलियारा भारत को पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व से जोड़ेगा, जबकि उत्तरी गलियारा पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व को यूरोप से जुड़ेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत रेलमार्ग, शिप से रेल नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।

    कौन-कौन से बंदरगाह जुड़ेंगे?

    इस प्रोजेक्ट में कई बंदरगाहों को जोड़ने की तैयारी है। भारत में मुंद्रा और कांडला पोर्ट (गुजरात), जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (नवी मुंबई) को जोड़ा जाएगा। संयुक्त अरब अमीरात में फुजैरा, जेबेल अली और अबू धाबी के साथ-साथ सऊदी अरब में दम्मम तथा रास अल खैर बंदरगाह जुड़ेंगे। इसके अलावा रेलवे लाइन के जरिए फुजैरा बंदरगाह को सऊदी अरब और जॉर्डन से इजरायल के हाइफा बंदरगाह को जोड़ा जाएगा। यूरोप में ग्रीस में पीरियस पोर्ट, दक्षिण इटली में मेसिना और फ्रांस में मार्सिले पोर्ट को जोड़ा जाएगा।

    चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट पर पड़ेगा असर?

    भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट को फेल कर सकता है। चीन बीआरआई प्रोजेक्ट पर सालों से काम कर रहा है। चीन इस प्रोजेक्ट के तहत कई देशों को अपनी अर्थव्यवस्था से जोड़ने की तैयारी कर रहा है।

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