India Mauritius Trade: 'मॉरीशस एशिया और अफ्रीका के बीच एक सेतु', व्यापार शिखर सम्मेलन खोलेगा निवेश के नए अवसर
मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने भारत-मॉरीशस व्यापार सम्मेलन में दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को महत्वपूर्ण बताया। ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी इसे दिल से दिल तक का संबंध कहा। मॉरीशस को एशिया और अफ्रीका के बीच सेतु बताते हुए रामगुलाम ने भारतीय व्यवसायों को निवेश के लिए आमंत्रित किया खासकर नीली अर्थव्यवस्था डिजिटल परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा है कि भारत और मॉरीशस के संबंध साझा इतिहास में निहित हैं, समय-समय पर परखे गए हैं और भविष्य के लिए एकदम उपयुक्त हैं। वे आज यहाँ भारत-मॉरीशस व्यापार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर, भारत के ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी दोनों देशों के बीच के संबंधों को दिल से दिल तक बताया।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) तथा मॉरीशस आर्थिक विकास बोर्ड (ईडीबी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस सम्मेलन में दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला गया और एक-दूसरे के देशों में औद्योगिक एवं व्यावसायिक सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई।
मॉरीशस के राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय व्यापारियों को नीली अर्थव्यवस्था (मत्स्य पालन, समुद्री अवसंरचना), डिजिटल परिवर्तन, फिनटेक, एआई और साइबर सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा पर्यटन, नवीकरणीय ऊर्जा, रियल एस्टेट और स्मार्ट शहरी विकास के क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया।
डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने मॉरीशस को एशिया और अफ्रीका के बीच एक सेतु बताया और कहा कि एशिया और अफ्रीका के बीच एक सेतु के रूप में मॉरीशस की स्थिति भारतीय व्यवसायों को अफ्रीका में एक सुरक्षित और प्रतिस्पर्धी प्रवेश द्वार प्रदान कर सकती है।
मॉरीशस को अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र (एएफसीएफटीए), एसएडीसी और कॉमेका जैसे क्षेत्रीय बाजारों तक विशेष पहुँच प्राप्त है। उन्होंने अपने वक्तव्य का समापन यह कहते हुए किया कि द्वार खुले हैं, मंच सुरक्षित है और अब इसका उपयोग करने का समय आ गया है।
इस अवसर पर, भारत के केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का वर्णन करते हुए कहा कि मॉरीशस की 70 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है। उन्होंने भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम, स्वच्छ ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में अग्रणी और हरित विकास पर केंद्रित देश बन गया है।
भारत-मॉरीशस मेट्रो परियोजना का उल्लेख करते हुए, उन्होंने इसे स्थायी संबंधों का प्रतीक बताया। इस अवसर पर, फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनंत गोयनका ने मॉरीशस को निवेश के लिए एक सुरक्षित, स्थिर और व्यापार-अनुकूल गंतव्य बताया। मॉरीशस आर्थिक विकास बोर्ड के सीईओ महेन कुंडासामी ने आश्वासन दिया कि मॉरीशस में भारतीय निवेश न केवल आसान होगा, बल्कि अत्यधिक लाभदायक भी होगा।
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