Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Manufacturing Sector: 12 सेक्टर में भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी, नीति आयोग सौंपी गई जिम्मेदारी

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Fri, 03 Nov 2023 09:07 PM (IST)

    मैन्यूफैक्चरिंग को सरकार अगले चरण में ले जाना चाहती है और इस काम की जिम्मेदारी नीति आयोग को सौंपी गई है। नीति आयोग फिलहाल उन सेक्टर की पहचान करने में जुट गया है जिनमें भारत को उस सेक्टर का वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाया जा सकता है। कम से कम 12 सेक्टर की पहचान की जाएगी और इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है।

    Hero Image
    औद्योगिक मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मैन्यूफैक्चरिंग को सरकार अगले चरण में ले जाना चाहती है और इस काम की जिम्मेदारी नीति आयोग को सौंपी गई है। नीति आयोग फिलहाल उन सेक्टर की पहचान करने में जुट गया है जिनमें भारत को उस सेक्टर का वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाया जा सकता है। कम से कम 12 सेक्टर की पहचान की जाएगी और इस दिशा में काम भी शुरू हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 2020 में मैन्यूफैक्चरिंग के प्रोत्साहन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम की शुरुआत की गई थी और 14 सेक्टर में सरकार पीएलआई देने की घोषणा कर चुकी है। इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा जैसे सेक्टर में पीएलआई स्कीम के सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं। बाकी के कई सेक्टर में अभी उत्पादन शुरू होना बाकी है।

    औद्योगिक मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा

    नीति आयोग सूत्रों के मुताबिक, औद्योगिक मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा है। अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, हाइड्रोजन, बैट्री, सेमीकंडक्टर जैसी वस्तुओं की मांग आने वाले समय में तेजी से बढ़ने वाली है। आयोग इन बदलाव को ध्यान में रखते हुए उन सेक्टर का चुनाव करेगा जिनमें भारत को वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनाया जा सकता है।

    भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग की समीक्षा की जाएगी

    इसके अलावा वर्तमान में भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग की समीक्षा की जाएगी और फिर उनमें से वैश्विक हब बनने की क्षमता वाले सेक्टर की पहचान की जाएगी। संभावित 12 सेक्टर में शामिल करने से पहले भविष्य में उस सेक्टर की वैश्विक मांग, उनके उत्पादन के लिए हमारी अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता जैसी चीजों की भी समीक्षा की जाएगी।

    बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी

    आयोग के मुताबिक सिर्फ वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सिर्फ सेक्टर की पहचान ही नहीं की जाएगी बल्कि इस काम के लिए ट्रांसपोर्टेशन, लॉजिस्टिक, बिजली आपूर्ति और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी की जाएगी।

    टैक्स में छूट जैसी बातों के लिए सुझाव

    इस काम के लिए आयोग सरकार को नीति बनाने से लेकर टैक्स में छूट जैसी बातों के लिए भी सुझाव देगा। अगले चार माह में भारत को कम से कम 12 सेक्टर में वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की रणनीति तैयार कर ली जाएगी। अभी पीएलआई स्कीम में कई ऐसे भी सेक्टर है जिनके तहत मैन्यूफैक्चरर्स बहुत अधिक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं जिससे उन सेक्टर में उत्पादन शुरू होने में विलंब हो रहा है। नीति आयोग की रणनीति में इन सब कारणों का भी ध्यान रखा जाएगा।

    ये भी पढ़ें: फूड प्रोसेसिंग में नौ वर्षों में 50 हजार करोड़ का विदेशी निवेश, निर्यात में 150 फीसदी की वृद्धि- पीएम मोदी