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    75 years of independence of india : स्वदेशी तोपों की सलामी से लालकिले पर जमेगा रंग

    By Praveen Prasad SinghEdited By:
    Updated: Wed, 10 Aug 2022 08:57 PM (IST)

    स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर समारोह को स्मरणीय बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कई नई पहल की हैं। इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं रेहड़ी पटरी विक्रेताओं से लेकर मुर्दाघर में काम करने वाले विशेष मेहमान होंगे।

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    स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर समारोह को स्मरणीय बनाने की पहल

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के अवसर पर इस बार लालकिले पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में चौतरफा स्वदेशी रंग का नजारा दिखेगा। लालकिले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तिरंगा लहराने के साथ इस वर्ष को विशेष रूप से स्मरणीय बनाने के लिए पहली बार स्वदेशी होवित्जर तोपें तिरंगे को पारंपरिक सलामी देंगी। इसी तरह आकाश में विचरते स्वदेशी हेलीकाप्टर गुलाब की पंखुडि़यां बरसाएंगे।

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    रक्षा सचिव डा. अजय कुमार ने समारोह की तैयारियों को लेकर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 'मेक इन इंडिया' के तहत एडवांस्ड टाड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) विकसित किया है। अब तक परंपरागत रूप से सलामी के लिए इस्तेमाल की जा रही ब्रिटिश तोपों के साथ स्वदेशी होवित्जर तोप भी सलामी देंगी। इसके लिए एडवांस्ड टाड आर्टिलरी गन सिस्टम प्रोटोटाइप का उपयोग किया जाएगा।

    इस तोप का उपयोग करने की पहल स्वदेशी रूप से तोपों को विकसित करने की भारत की बढ़ती क्षमता का प्रतीक बनाने के उद्देश्य से की गई है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए इसके गोले दागने में कुछ विशेष बदलाव किए गए हैं। मालूम हो कि एटीएजीएस परियोजना को 2013 में डीआरडीओ ने भारतीय सेना में पुरानी तोपों को आधुनिक 155 एमएम आर्टिलरी गन से बदलने के लिए शुरू की थी।

    एटीएजीएस 155 एमएम कैलिबर गन सिस्टम है जिसमें 48 किलोमीटर की फायरिंग रेंज और उच्च गतिशीलता, त्वरित तैनाती, रात के दौरान प्रत्यक्ष-फायर पद्धति में स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली जैसी उन्नत विशेषताएं हैं। एटीएजीएस एक विश्व स्तरीय गन प्रणाली है जो दुनिया में अपनी खास क्षमता के लिए जानी जाती है। रक्षा सचिव ने कहा कि देश के सभी जिलों के एनसीसी कैडेटों का लालकिले के समारोह में मौजूद रहना भी विशेष होगा। इन कैडेटों को भारत के मानचित्र के भौगोलिक स्वरूप में लाल किले की प्राचीर के सामने 'ज्ञान पथ' पर बैठाया जाएगा। कैडेट 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए भारत की सांस्कृतिक विविधता के प्रतीक स्थानीय परिधानों में नजर आएंगे।

    इस वर्ष के गणतंत्र दिवस की तरह स्वतंत्रता के 75 वर्षों को दर्शाने वाले नियमित कार्यक्रमों के अलावा कई नई पहल की गई हैं। लालकिले के समारोह में समाज के उन वर्गों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है जिन्हें आमतौर पर अनदेखा किया जाता है। इसीलिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं, मुर्दाघरों में काम करने वालों, मुद्रा योजना से कर्ज लेकर कारोबार करने वाले जैसे समाज के अलग-अलग वर्गों से जुड़े लोगों को स्वतंत्रता दिवस समारोह का प्रत्यक्ष हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया है।

    रक्षा सचिव ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में पहली बार 9 से 17 अगस्त के बीच एक विशेष युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसमें शामिल होने के लिए 14 देशों अमेरिका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, ब्राजील, फिजी, इंडोनेशिया, किर्गिस्तान, मालदीव, मारीशस, मोजाम्बिक, नाइजीरिया, सेशेल्स, यूएई और उज्बेकिस्तान के 127 युवा कैडेट भारत आए हुए हैं। इनके साथ 26 अधिकारी भी आए हैं और ये सभी लालकिले पर भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह का पहली बार हिस्सा बनेंगे। लालकिले के समारोह के अलावा विदेशी युवा दिल्ली और आगरा में सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थानों का भ्रमण भी करेंगे।

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