भारत की लॉजिस्टिक्स लागत दिसंबर तक घटकर एकल अंक में आ जाएगी, नितिन गडकरी ने किया बड़ा एलान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत की लॉजिस्टिक्स लागत दिसंबर तक घटकर एक अंक में आ जाएगी। एक्सप्रेसवे और आर्थिक गलियारों के विकास से लागत 16% से 10% तक आ गई है। गडकरी ने ऑटोमोबाइल उद्योग को दुनिया में नंबर एक बनाने और कृषि पर ध्यान केंद्रित करने की बात भी कही, जिससे जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में लाजिस्टिक्स लागत इस वर्ष दिसंबर तक एक अंक में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेसवे और आर्थिक गलियारों के तेजी से विस्तार के कारण संभव हो रहा है।
एसोचैम के वार्षिक सम्मेलन 2025 को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि आइआइटी चेन्नई, आइआइटी कानपुर औरआइआइएमबेंगलुरु की ओर से तैयार हालिया रिपोर्ट के अनुसार, एक्सप्रेसवे और आर्थिक गलियारों के निर्माण ने देश की लाजिस्टिक्स लागत को पहले 16 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।
लाजिस्टिक्स लागत में आएगी कमी
दिसंबर तक यह लागत घटकर नौ प्रतिशत तक आ जाएगी, जो भारत को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगी। गडकरी ने भरोसा जताया कि यह 100 प्रतिशत हमारे उद्योग को लाभ पहुंचाएगा। हमारे निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे। अमेरिका में लाजिस्टिक्स लागत 12 प्रतिशत, यूरोपीय देशों में 12 प्रतिशत और चीन में 8 से 10 प्रतिशत है।
गडकरी ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत के आटोमोबाइल उद्योग को दुनिया में नंबर एक बनाना है। ''जब मैंने परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाला, तब भारतीय आटोमोबाइल उद्योग का आकार 14 लाख करोड़ रुपये था। अब भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग का आकार 22 लाख करोड़ रुपये है।''
अभी अमेरिका का आटोमोबाइल उद्योग 78 लाख करोड़ रुपये का है। इसके बाद चीन (47 लाख करोड़ रुपये) और भारत (22 लाख करोड़ रुपये) का स्थान है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि को बढ़ाने के लिए कृषि पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
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