भारत व जॉर्डन में हुए 5 अहम समझौते, कारोबार बढ़ाने पर बनी सहमति; पीएम के दौरे की अहम बातें
पीएम नरेंद्र मोदी की जॉर्डन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सामरिक, ऊर्जा और कारोबारी संबंधों को मजबूत करने पर सहमति बनी। आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और ...और पढ़ें

यह देश भारत के लिए उर्वरक आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है (फोटो: @narendramodi)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को नई धार देने के मकसद से जार्डन पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच सामरिक, ऊर्जा व कारोबारी संबंधों को नई ऊंचाई देने की नींव रख दी है। एशिया, अफ्रीका और यूरोप के चौराहे पर स्थित जॉर्डन क्षेत्रीय स्थिरता का प्रतीक है और साथ ही आतंकवाद व उग्रवाद के खिलाफ मजबूत आवाज उठाता है। साथ ही यह देश भारत के लिए उर्वरक आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
37 वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पूर्ण द्विपक्षीय दौरा था जहां पीएम मोदी और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, गाजा संकट, क्षेत्रीय शांति और आर्थिक साझेदारी पर गहन चर्चा हुई। पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार को अगले पांच वर्षों में दोगुना करके पांच अरब डॉलर करने का लक्ष्य भी रखा है।मोदी और किंग अबदुल्लाह द्वितीय के बीच दो स्तरों पर बातचीत हुई।
पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर
वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जो स्वच्छ ऊर्जा, जल प्रबंधन, संस्कृति और डिजिटल नवाचार जैसे क्षेत्रों से संबंधित है। एक समझौता नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर है। बाद में भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग स्थापित करने पर भी बात हुई है। एक समझौता जॉर्डन की पेट्रा और भारत की एलोरा गुफाओं के बीच आपसी समझबूझ बढ़ाने को लेकर है।
बताते चलें कि पेट्रा को सबसे प्रसिद्ध पर्यटक केंद्रों में गिनती होती है। दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान में द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच वर्षों में 5 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया। वर्तमान में भारत जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वर्ष 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 2.8 अरब डॉलर रहा था। बयान में व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, उर्वरक, कृषि, आईटी, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और पर्यटन में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई गई।
संयुक्त रूप से उद्योगपतियों को संबोधित किया
आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ साझा रुख पर जोर देते हुए क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई गई। भारत-जॉर्डन बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी और किंग अब्दुल्ला ने संयुक्त रूप से उद्योगपतियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, 'भारत और जॉर्डन के संबंध ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य की आर्थिक संभावनाओं का अनोखा मिश्रण हैं। जॉर्डन की भौगोलिक स्थिति और भारत की स्किल्स व टैलेंट जब जुड़ेंगे तो दोनों देशों के युवाओं के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी।'
पीएम ने पुराने व्यापारिक मार्गों, जैसे गुजरात से पेट्रा होते हुए यूरोप को पुनर्जीवित करने की बात की और जार्डन को क्षेत्रीय हब बनाने पर जोर दिया। उन्होंने जार्डन की कंपनियों को आठ फीसद से भी ज्यादा तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने जार्डन को भारतीय कृषि प्रौद्योगिकी प्रदान करने की भी पेशकश की। किंग अब्दुल्ला ने पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की उल्लेखनीय विकास की सराहना की और जॉर्डन की रणनीतिक स्थिति का उपयोग कर संयुक्त निवेश की वकालत की। पीएम मोदी जार्डन के बाद इथियोपिया पहुंचे हैं। इथियोपिया के बाद वह ओमान की यात्रा पर जाएंगे।
जॉर्डन में दिखी कार डिप्लोमेसी
तीन देशों की यात्रा पर गये पीएम नरेन्द्र मोदी का जार्डन और इथियोपिया में जिस तरह से व्यक्तिगत स्वागत किया गया है वैसी मिसाल अंतरराष्ट्रीय डिप्लोमेसी में बहुत ही कम देखने को मिलती है। जार्डन में क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्लाह द्वितीय खुद गाड़ी चलाकर पीएम मोदी को जार्डन म्यूजियम ले गए और उसके बाद वहां जब कार्यक्रम समाप्त हो गया तो फिर एयरपोर्ट तक गाड़ी चला कर ले गये व पीएम मोदी को विदाई दी।
यह दुर्लभ इशारा भारत-जॉर्डन मित्रता की गर्मजोशी का प्रतीक बना। जार्डन से इथियोपिया पहुंचते ही वहां एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री अबीय अहमद अली खुद मौजूद थे। नोबल पुरस्कार विजेता पीएम अली ने यहां खुद ही पीएम मोदी की गाड़ी को ड्राइव किया और उन्हें होटल छोड़ा। रास्ते में उन्होंने अनौपचारिक रूप से साइंस म्यूजियम और फ्रेंडशिप पार्क भी घुमाया।

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