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    राजनाथ सिंह और जापानी रक्षा मंत्री जन नाकातानी आज दिल्ली में करेंगे वार्ता, आतंकवाद-रक्षा सहयोग जैसे मुद्दों पर होगी बातचीत

    नई दिल्ली में सोमवार को भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षामंत्री जन नाकातानी की अहम बैठक होगी। बातचीत में पहलगाम हमले के बाद की स्थिति रक्षा औद्योगिक सहयोग चीन की बढ़ती मौजूदगी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख होंगे। दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति और सैन्य बेस उपयोग पर भी चर्चा करेंगे।

    By Digital Desk Edited By: Chandan Kumar Updated: Mon, 05 May 2025 06:37 AM (IST)
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    पहलगाम हमले के बाद भारत-जापान की रक्षा साझेदारी वार्ता माना जा रहा है अहम। (फोटो सोर्स- पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को नई दिल्ली में जापान के रक्षामंत्री जन नाकातानी की मेजबानी करेंगे। सरकारी बयान के मुताबिक, इस अहम मुलाकात के दौरान दोनों नेता क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा हालात पर चर्चा करेंगे और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने के तरीकों पर विचार करेंगे।

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    सरकार की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया, "भारत और जापान के बीच लंबे अरसे से दोस्ताना रिश्ते रहे हैं, जिन्हें 2014 में विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी (Special Strategic and Global Partnership) का दर्जा मिलने के बाद और मजबूती मिली है। रक्षा और सुरक्षा दोनों देशों के संबंधों के अहम स्तंभ हैं।"

    पहलगाम हमले के बाद भारत-जापान की एकजुटता पर होगा जोर

    पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न हुए भौगोलिक-राजनीतिक हालात इस बैठक का एक अहम हिस्सा होंगे। उम्मीद है कि दोनों नेता इस हमले के बाद क्षेत्र में बनी स्थिति और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने की जरूरत पर चर्चा करेंगे।

    जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु ईशिबा ने हमले के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर हमदर्दी जताई और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़े रहने का ऐलान किया।

    रक्षा औद्योगिक सहयोग और सैन्य समझौते पर होगा मंथन

    यह राजनाथ सिंह और जन नाकातानी के बीच दूसरी मुलाक़ात होगी। इससे पहले दोनों नवंबर में लाओस में ASEAN रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान मिले थे। उस वक़्त उन्होंने सप्लाई और सर्विसेज़ के पारस्परिक समझौते (Reciprocal Provision of Supply and Services Agreement) पर बातचीत की थी, जो दोनों सेनाओं की interoperability यानी सहयोग क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया था।

    अगर यह समझौता आगे बढ़ता है तो भारत और जापान की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल मरम्मत और रसद (repair and replenishment) के लिए कर सकेंगी। यह द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

    चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी होगी चर्चा

    बैठक में पूर्वी और दक्षिण चीन सागर (East and South China Seas) में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की समीक्षा भी की जाएगी। ये इलाके रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माने जाते हैं। दोनों देश इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति अपनी साझी प्रतिबद्धता जताने की संभावना रखते हैं।

    सरकारी बयान में कहा गया, "भारत और जापान के बीच हाल के वर्षों में रक्षा आदान-प्रदान तेजी से बढ़े हैं। रणनीतिक मुद्दों पर बढ़ती सहमति के चलते ये सहयोग और भी महत्वपूर्ण हो गया है, ख़ासतौर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में।"

    भारत-पाक तनाव पर भी रहेगी नजर

    भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात और बढ़ती जंग जैसी बयानबाजी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव घटाने की अपील कर रहा है। ऐसे वक्त में भारत-जापान जैसे साझेदार देशों की आपसी एकजुटता और रणनीतिक संवाद और भी अहम हो जाते हैं।

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