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    IndiaAI: 'साल भर के अंदर भारत के पास होगा अपना एआई मॉडल', आईटी मंत्री वैष्णव ने दी पूरी जानकारी

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Thu, 30 Jan 2025 07:15 PM (IST)

    IndiaAI इंडियाएआई मिशन के तहत विभिन्न सामाजिक क्षेत्र में लोगों की समस्या को दूर करने में मदद के लिए एआई एप विकसित करने का भी प्रस्ताव मंगाया जा रहा है। फिलहाल कृषि जलवायु परिवर्तन व सीखने में होने वाली दिक्कतों को दूर करने के क्षेत्र में एआई एप विकसित करने के लिए 18 आवेदकों को वित्तीय सहायता देने की मंजूरी दे दी गई है।

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    इंडिया एआई एप विकसित करने पर काम शुरू (Photo - Jagran Graphics)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि अगले 8-10 महीनों में भारत के पास अपना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) फाउंडेशनल मॉडल होगा। ये एआई मॉडल भारत की सुरक्षा, भारत की भाषा, संस्कृति को ध्यान में रखते हुए विकसित किए जा रहे हैं और भारत का एआई मॉडल पूरी दुनिया के लिए उपपलब्ध होगा।

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    भारत का एआई मॉडल

    भारतीय एआई मॉडल चीन के डीपसीक एआई मॉडल से बेहतर होगा क्योंकि डीपसीक को 2000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) पर विकसित किया गया है जबकि भारत का एआई मॉडल 15,000 से अधिक जीपीयू पर विकसित हो रहा है। अमेरिका का चैट जीपीटी 25,000 जीपीयू पर विकसित किया गया है। सरकार की मदद से भारत का अपना एआई मॉडल विकसित करने में फिलहाल छह कंपनियां जुटी हुई है।

    कॉमन कंप्यूटिंग सुविधा

    सरकार ने अन्य स्टार्टअप व संस्थाओं से भी भारतीय एआई मॉडल विकसित करने को लेकर प्रस्ताव मांगा है। एआई मॉडल विकसित करने के लिए सबसे जरूरी कंप्यूटिंग की सुविधा होती है और सरकार सभी के लिए कॉमन कंप्यूटिंग सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। कोई भी संस्था, स्टार्टअप मामूली शुल्क देकर इस कंप्यूटिंग सुविधा का इस्तेमाल कर सकेंगे।

    फ्रेमवर्क तैयार

    इस शुल्क पर सरकार 40 प्रतिशत की सब्सिडी भी देगी। इंडिया एआई मिशन के तहत 10,000 जीपीयू उपलब्ध हो गए हैं और अगले कुछ महीनों में जीपीयू की संख्या 18,693 हो जाएगी। कॉमन कंप्यूटिंग सुविधा के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर दिया गया है। वैष्णव ने बताया कि अगले कुछ दिनों में यह सुविधा सभी के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

    एआई मॉडल विकसित 

    वैष्णव ने कहा कि भारत एआई मॉडल को विकसित करने में कहीं से पीछे नहीं है। हम बिल्कुल समय पर है। कंप्यूटिंग की सुविधा गंभीर मामला है। वैसे भी पिछले साल मार्च में इंडियाएआई मिशन को मंजूरी दी गई थी। इंडियाएआई मिशन सात पिलर पर आधारित है और इसके लिए 10,371 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। कॉमन कंप्यूटिंग सुविधा, एआई मॉडल, एआई एप, एआई सुरक्षा प्रमुख पिलर है। तीन दिन पहले चीन के एआई मॉडल डीपसीक के दुनिया के सामने आने के बाद एआई में भारत के पिछड़ने की बात कही जाने लगी थी।

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