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    Herd Immunity COVID-19: कोरोना वायरस के संक्रमण से मुकाबले के लिए अभी हर्ड इम्युनिटी से दूर है देश

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Thu, 06 May 2021 12:34 PM (IST)

    Herd Immunity COVID-19 हर्ड इम्युनिटी तब विकसित होती है जब आबादी के बड़े हिस्से का टीकाकरण हो जाए अथवा वह हिस्सा संक्रमित हो जाए और उसमें बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाए। बेहद कम लोगों को संक्रमित कर पाता है और वायरस का प्रसार थम जाता है।

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    क्या अपना देश हर्ड इम्युनिटी के करीब है।

    नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर देश में कहर बरपा रही है। दैनिक संक्रमितों का आंकड़ा साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा रह रहा है। कुल संक्रमितों की संख्या दो करोड़ से ज्यादा हो गई है। कोविड आर. रेट यानी रीप्रोडक्टिव रेट 1.44 हो चुका है। इसका मतलब है कि एक संक्रमित करीब डेढ़ लोगों को संक्रमित कर रहा है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या अपना देश हर्ड इम्युनिटी के करीब है।

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    हर्ड इम्युनिटी क्या है: हर्ड इम्युनिटी तब विकसित होती है: जब आबादी के बड़े हिस्से का टीकाकरण हो जाए अथवा वह हिस्सा संक्रमित हो जाए और उसमें बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाए। इस प्रकार कोई संक्रमित बेहद कम लोगों को संक्रमित कर पाता है और वायरस का प्रसार थम जाता है।

    सीरो सर्वे क्या कहता है: सीरो सर्वे बताता है कि देश में कोरोना संक्रमण के प्रसार की गति काफी तेज है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हर्ड इम्युनिटी विकसित नहीं होने जा रही है। दिल्ली व मुंबई समेत कुछ शहरों में कोरोना संक्रमण चरम पर रहा और यह समझा जाने लगा कि वे शहर हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन वास्तविकता ऐसी नहीं थी। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मीडिया से कहा था कि सीरो सर्वे में 50-60 फीसद लोगों में एंटीबॉडी विकसित होने की बात कही गई है। इस तर्क के आधार पर उस आबादी में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जानी चाहिए थी, लेकिन मामला स्पष्ट तौर पर ऐसा नहीं है। सीरो सर्वे तो खाने में नमक की तरह है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि वायरस खुद में बदलाव कर रहा है, इसलिए इसके खिलाफ हर्ड इम्युनिटी के भरोसे नहीं रहा जा सकता।

    क्या मिला था पिछले सर्वे में: देश में गत वर्ष हुए सीरो सर्वे ने बताया था कि 21 फीसद से भी ज्यादा वयस्क आबादी कोरोना संक्रमित हो चुकी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने कहा था कि सर्वे में शामिल रहे 18 साल से अधिक उम्र के 28,589 लोगों में से 21.4 फीसद कोरोना संक्रमित पाए गए। हालांकि, उसने यह भी कहा था कि बड़ी आबादी अब भी संक्रमित नहीं है, इसलिए हम हर्ड इम्युनिटी से दूर हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अब हर्ड इम्युनिटी मायावी अवधारणा की तरह है। ज्यादातर देशों में कोरोना संक्रमण की कई लहरें आ चुकी हैं। अब हमें संसाधनों के विकास पर ध्यान देना चाहिए, ताकि जब भी ऐसी स्थिति आए हम उसका मुकाबला कर सकें। टीकाकरण ही एक मात्र हथियार है।