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    TRF को आतंकी संगठन घोषित कराने में जुटा भारत, यूएनएससी में सबूत के साथ दी जानकारी

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 15 May 2025 02:30 AM (IST)

    भारत ने पहलगाम हमले को अंजाम देने में कथित संलिप्तता के लिए लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकी संगठन के रूप में नामित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक एक भारतीय तकनीकी टीम न्यूयार्क में है और 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम एवं संयुक्त राष्ट्र में अन्य भागीदार देशों के साथ बातचीत कर रही है।

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    पहलगाम हमले में टीआरएफ संलिप्तता से यूएनएससी समिति को अवगत कराएगा भारत

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने पहलगाम हमले को अंजाम देने में कथित संलिप्तता के लिए लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकी संगठन के रूप में नामित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, एक भारतीय तकनीकी टीम न्यूयार्क में है और 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम एवं संयुक्त राष्ट्र में अन्य भागीदार देशों के साथ बातचीत कर रही है।

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    टीआरएफ के बारे में यूएनएससी को दी जानकारी

    भारतीय अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम को पहलगाम आतंकी हमले के पीछे के समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 1267 प्रतिबंध समिति, संयुक्त राष्ट्र की एक सहायक संस्था है जिसका गठन 1999 में किया गया था। यह समिति आतंकवाद, विशेष रूप से आइएसआइएल (इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड द लेवेंट) और अल-कायदा से जुड़े आतंकवाद के विरुद्ध प्रतिबंधों को लागू करने और निगरानी के लिए जिम्मेदार है।

    टीआरएफ से जुड़ी सामग्री भी जी जाएगी

    सूत्रों ने बताया कि यह टीम संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय और आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय के साथ भी बैठक करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि यह टीम हमले में टीआरएफ की कथित संलिप्तता पर संयुक्त राष्ट्र की संबंधित समितियों को कुछ सामग्री भी उपलब्ध कराएगी।

    उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

    ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए सैकड़ों आतंकी

    हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों पर कार्रवाई करने का संकल्प लिया था। सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ जगहों पर आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया।