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    40 देशों से पेट्रोलियम खरीद रहा भारत... हरदीप सिंह पुरी बोले- बढ़ने वाली है प्राकृतिक गैस की खपत

    Updated: Mon, 10 Feb 2025 10:00 PM (IST)

    भारत सरकार इस वक्त करीब 40 देशों से कच्चे तेल और गैस की खरीद कर रहा है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ 27 देशों से भारत तेल व गैस की खरीद करता था। इसमें दक्षिणी अमेरिकी देश अर्जेंटीना सबसे नया आपूर्तिकर्ता देश है। भारत ने पुरानी तेल खरीद नीति में व्यापक बदलाव कर दिया है।

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    भारत पहले 27 देशों से तेल व गैस की खरीद करता था (फोटो: एएनआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुरानी तेल खरीद नीति में व्यापक बदलाव कर दिया है। कोशिश यह है कि ज्यादा से ज्यादा देशों से कच्चे तेल व गैस की खरीद की जाए।

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    भारत अपने तेल बास्केट (जिन देशों से कच्चे तेल व गैस का आयात किया जाता है) को बढ़ाता जा रहा है। अब भारत 40 देशों से तेल की खरीद कर रहा है। इसमें दक्षिणी अमेरिकी देश अर्जेंटीना सबसे नया आपूर्तिकर्ता देश है।

    पेट्रोलियम मंत्री ने दी जानकारी

    पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इंडिया इनर्जी वीक-2025 (आईईडब्लू) के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इसके बारे में बताया। आईईडब्लू का यह तीसरा आयोजन है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में ही यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इनर्जी सम्मेलन के तौर पर स्थापित हो चुका है।

    11 से 14 फरवरी, 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित हो रहे आईईडब्लू में 20 देशों की सरकारों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। पुरी ने बताया कि, यह सम्मेलन दुनिया में हो रहे ऊर्जा बदलावों में भारत को अग्रिम पंक्ति में लाने का काम करेगा।

    40 देशों से खरीदी कर रहा भारत

    • भारत की ऊर्जा खरीद योजना के बारे में पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने बताया कि, 'पहले 27 देशों से भारत तेल व गैस की खरीद करता था, अब 40 देशों से कर रहा है। पहले से मुकाबले आज भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है।'
    • उन्होंने कहा कि 'वजह यह है कि भारत की तेजी से बढ़ती इकोनॉमी के लिए और आम जनता की जरूरत को पूरा करने के लिए हमें ऊर्जा सुरक्षा को लेकर लगातार सतर्क रहने की जरूरत है। वैश्विक अनिश्चतता भी एक बड़ा कारण है कि भारत को इस बारे में काफी सोच समझ कर रणनीति बनानी पड़ रही है।'
    • उन्होंने बताया कि भारत में एलपीजी की खपत अब स्थिर रहेगी, लेकिन प्राकृतिक गैस की खपत बढ़ेगी, क्योंकि कोशिश ज्यादा से ज्यादा घरों में पीएनजी कनेक्शन देने की है। पावर, सीमेंट जैसे उद्योगों में गैस की खपत बढ़ रही है।

    प्राकृतिक गैस पर सरकार का जोर

    पुरी ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि वर्ष 2030 तक देश की इकोनॉमी में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 7 फीसद से बढ़ कर 15 फीसद हो जाए। बताते चलें कि घरेलू स्तर पर तेल व गैस उत्पादन बढ़ाने की सरकार की कोशिशों का अभी तक कोई खास नतीजा नहीं निकला है।

    कच्चे तेल के आयात पर भारत की निर्भरता बढ़ कर 87-88 फीसद तक हो चुकी है। इंडिया इनर्जी वीक के दौरान ही भारत सरकार अपनी घरेलू स्तर पर तेल व गैस की खोज व खनन के लिए कंपनियों को आमंत्रित करने की नई निविदा (ओपन एक्ररेज लाइसेंसिंग नीति-ओएएलपी) जारी करने जा रही है।

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