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    भारत ने पाकिस्तान से 93 फीसदी और बांग्लादेश से 79 फीसदी सीमा की सुरक्षित, बाड़बंदी को लेकर सरकार ने दी जानकारी

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 06:43 AM (IST)

    भारत ने सुरक्षा मजबूत करने और घुसपैठ रोकने के उद्देश्य से पाकिस्तान-भारत अंतरराष्ट्रीय सीमा की 93 प्रतिशत लंबाई और बांग्लादेश-भारत सीमा की लगभग 79 प्र ...और पढ़ें

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    भारत ने पाकिस्तान से 93 फीसदी और बांग्लादेश से 79 फीसदी सीमा की सुरक्षित (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। भारत ने सुरक्षा मजबूत करने और घुसपैठ रोकने के उद्देश्य से पाकिस्तान-भारत अंतरराष्ट्रीय सीमा की 93 प्रतिशत लंबाई और बांग्लादेश-भारत सीमा की लगभग 79 प्रतिशत लंबाई की सीमा पर बाड़ लगा दी है। सरकार ने कहा है कि सीमा पर बाड़ घुसपैठ को रोकने और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने की उसकी रणनीति का एक महत्वपूर्ण घटक है।

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    केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2,289.66 किलोमीटर लंबी पाकिस्तान-भारत अंतरराष्ट्रीय सीमा में से 2,135.136 किलोमीटर पर बाड़ लगाई गई है, जो कुल सीमा का 93.25 प्रतिशत है।

    शेष 154.524 किलोमीटर या 6.75 प्रतिशत पाकिस्तान-भारत सीमा अभी बाड़ नहीं लगाई गई है। 4,096.70 किलोमीटर लंबी बांग्लादेश-भारत अंतरराष्ट्रीय सीमा में से 3,239.92 किलोमीटर पर बाड़ लगाई गई, जो सीमा का 79.08 प्रतिशत है।

    शेष 856.778 किमी या 20.92 प्रतिशत, बिना बाड़ के हैं। भारत-म्यांमार सीमा पर भी प्रगति हुई है, जिसकी कुल लंबाई 1,643 किलोमीटर है और ''अब तक इस सीमा पर 9.214 किलोमीटर का भौतिक बाड़ लगाई गई है।''

    भारत-चीन सीमा पर कोई घुसपैठ दर्ज नहीं

    केंद्र सरकार ने संसद को सूचित किया कि 2014 से भारत-चीन सीमा पर ''कोई घुसपैठ'' का मामला दर्ज नहीं हुआ है, जबकि इसी अवधि में सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल और भूटान के साथ भारत की सीमाओं पर 23,926 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। जबकि जनवरी से नवंबर 2025 के बीच इन सीमाओं से 3,120 घुसपैठिए गिरफ्तार किए गए।

    राय ने लोकसभा में बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर सबसे अधिक गिरफ्तारियां हुईं। इसके बाद म्यांमार, पाकिस्तान और नेपाल-भूटान की सीमाएं रहीं। 2014 से अब तक के सालाना आंकड़े यह दर्शाते हैं कि भारत के पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर घुसपैठ के प्रयास लगातार जारी हैं।

    केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में 438 आत्महत्याएं

    केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कर्मियों में पिछले तीन वर्षों में कुल 438 आत्महत्याएं और सात भाई-भाई की हत्या के मामले दर्ज किए।

    आत्महत्या की संख्या 2023 में 157 से घटकर 2025 में 133 हो गई, जबकि 2023 में भाई-भाई की हत्या के दो मामले दर्ज हुए। 2024 में एक और 2025 में चार ऐसे मामले सामने आए।

    सीआरपीएफ में सबसे अधिक 159 आत्महत्याएं दर्ज की गईं। बीएसएफ में 120 व सीआइएसएफ में 60 आत्महत्याएं हुईं। 2014 से 2025 के बीच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों व असम राइफल्स के कुल 23,360 कर्मियों ने इस्तीफा दिया।

    माओवादी हिंसा 15 वर्षों में 89 प्रतिशत घटीं

    माओवादी हिंसा से जुड़ी घटनाएं 2010 में 1,936 की उच्चतम संख्या से घटकर 2025 में 222 पर हैं, जो 89 प्रतिशत की कमी दर्शाती है। नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि 2015 में लागू की गई ''राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना'' के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण हिंसा में कमी आई है, जिससे नागरिकों व सुरक्षा कर्मियों की मौतें भी 2010 में 1,005 से घटकर 2025 में 95 हो गईं, जो 91 प्रतिशत की कमी है। सरकार का आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों में विकास पर ध्यान माओवादी विचारधारा के मूल कारणों को दूर कर रहा है।