हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ढांचागत सुविधाएं बढ़ाएंगे भारत, फ्रांस और यूएई, इस पर रहेगा फोकस
India-UAE-France Trilateral Ministerial Meeting भारत फ्रांस व यूएई हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ढांचागत सुविधाएं बढ़ाएंगे। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच त्रिपक्षीय बैठक में यह फैसला लिया गया। आस्ट्रेलिया-फ्रांस-भारत सप्लाई चेन में सहयोग को प्रगाढ़ करने पर भी बैठक में चर्चा करेंगे।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पिछले हफ्ते भारत की यात्रा पर आईं फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने एक अहम बयान दिया था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की कूटनीतिक क्रांति का भारत अगुवा है और फ्रांस इस क्षेत्र में हर कदम पर भारत के साथ है। कोलोना के इस बयान का महत्व इस बात से लगाया जा सकता है कि न्यूयार्क में वो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मिलकर दोनों देशों की हिंद-प्रशांत रणनीति के बीच बेहतर सामंजस्य बनाने की रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटी हैं।
विदेश मंत्रियों की होगी त्रिपक्षीय बैठक
पहले कोलोना व जयशंकर ने यूएई के विदेश मंत्री अबदुल्लाह बिन जायद अल नहयान के साथ त्रिपक्षीय बैठक की और उसके बाद मंगलवार देर रात भारत-फ्रांस-आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की भी बैठक होने वाली है। भारत और फ्रांस हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों के साथ मिलकर भी अपने रणनीतिक रिश्तों को नया आयाम देने की कोशिश में है।
एक योजना यह भी है कि ये दोनों देश मिलकर इस क्षेत्र के छोटे-छोटे देशों में ढांचागत सुविधाओं को विकसित करें। यूएई-फ्रांस-भारत के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक में हुई चर्चा में भी यह अहम मुद्दा रहा है। इन तीनों देशों के बीच यह पहली बैठक है।
रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को मिलेगा विस्तार
बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इन देशों के बीच रणनीतिक व आर्थिक सहयोग को और ज्यादा विस्तार मिलेगा। यूएई व फ्रांस दोनों ही भारत के रणनीतिक साझेदार हैं। यूएई, इजरायल, अमेरिका व भारत के बीच गठित संगठन का भी सदस्य है।
इसी तरह से भारत, फ्रांस और आस्ट्रेलिया के बीच गठित त्रिपक्षीय संगठन का भी अलग महत्व है। इन तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थित अन्य देशों में कनेक्टिविटी परियोजनाओं को बढ़ावा देने और सैन्य सहयोग के मुद्दे पर खास तौर पर बात होगी।
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