भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में आकर्षण का केंद्र रहा 'मत्स्य 6000', जानें क्यों खास है पहली मानवमिशन पनडुब्बी
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मत्स्य 6000 का अनावरण करते हुए समुद्र अन्वेषण में भारत की अगली बड़ी छलांग की घोषणा की। यह देश की पहली स्वदेशी रूप से ...और पढ़ें

भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में आकर्षण का केंद्र रहा 'मत्स्य 6000' (फोटो- एक्स)
एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मत्स्य 6000 का अनावरण करते हुए समुद्र अन्वेषण में भारत की अगली बड़ी छलांग की घोषणा की। यह देश की पहली स्वदेशी रूप से विकसित मानव-आधारित गहरे समुद्र में जाने वाली पनडुब्बी है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आइआइएसएफ) 2025 में प्रदर्शित इस मिशन का उद्देश्य भारतीय शोधकर्ताओं को समुद्र की असीम गहराइयों तक पहुंचाना है।
एक्स पर सिंह ने लिखा, ''भारत की एक मानव-आधारित गहरे समुद्र में जाने वाली पनडुब्बी भेजने की महत्वाकांक्षी योजना है, जो संयोगवश उसी समय शुरू हो रही है जब अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।''
पनडुब्बी का लक्ष्य 2026 में 500 मीटर की पहली मानवयुक्त गोताखोरी करना है, जिसके बाद 2027 में 6,000 मीटर की पूर्ण गहराई वाली गोताखोरी का मिशन पूरा किया जाएगा। एक बार यह लक्ष्य हासिल हो जाने पर भारत अति-गहरे समुद्र की खोज करने की क्षमता रखने वाले कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा।
इस बीच, आइआइएसएफ 2025 कार्यक्रम में दो लाख से अधिक प्रतिभागियों की प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज की गई, जिनमें 1,800 छात्र, 167 शिक्षक और 32 विशेषज्ञ शामिल थे।
यह भागीदारी कई प्रमुख गतिविधियों में फैली हुई थी, जिनमें हैकाथान, गुरुकुल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी ग्राम, नारी शक्ति, युवा विज्ञान कांग्रेस और विचारकों की बैठक शामिल थीं।

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