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    भारत का पहला स्वदेशी मशीन पिस्टल ASMI, 100 मीटर की रेंज तक लगा सकती है निशाना

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Wed, 13 Jan 2021 03:57 PM (IST)

    Indigeous Pistol ASMI भारत में विकसित मशीन पिस्टल का डिस्पले हुआ जिसे डीआरडीओ व भारतीय सेना ने मिलकर विकसित किया है। यह इजरायली बंदूक की उजी श्रेणी की है। 100 मीटर तक मार करने वाली यह पहली स्वदेशी पिस्टल है।

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    DRDO और भारतीय सेना द्वारा विकसित देशी मशीन पिस्टल ASMI का डिस्प्ले

     नई दिल्ली, एएनआइ। भारत के पहले स्वदेशी मशीन पिस्टल ASMI का बुधवार को डिस्प्ले किया गया। इसे डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) और भारतीय सेना ने मिलकर विकसित किया है।  यह मशीन पिस्टल (machine pistol) 100 मीटर की दूरी तक फायर कर सकती है और यह इजरायल के उजी सीरीज के क्लास की है। बता दें कि 'आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat)' के तहत देश में ही हथियारों के निर्माण को लेकर आत्मनिर्भरता मजबूत हुई है। इसे 13 जनवरी को आर्मी के इनोवेशन इवेंट में दिखाया गया। 

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    DRDO ने बताया कि इसने देश के पहले स्वदेशी मशीन पिस्टल ASMI को विकसित किया है। अब यह पिस्टल डिफेंस फोर्स के 9mm पिस्टल की जगह लेगी।  DRDO द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'मशीन पिस्टल 100 मीटर की दूरी तक फायर कर सकती है और यह इजरायल के उजी सीरीज का है। इसके विकास के दौरान पिछले चार महीने में 300 राउंड की फायरिंग की गई।'

    इससे पहले पिछले साल नवंबर 2020 में डीआरडीओ द्वारा विकसित ‘रुद्रम’ एंटी रेडिएशन मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। यह परीक्षण सुखोई-30 लड़ाकू विमान से किया गया था। रुद्रम देश की पहली एंटी-रेडिएशन मिसाइल है जिसे डीआरडीओ ने भारतीय वायु सेना के लिए तैयार किया है। डीआरडीओ द्वारा निर्मित नई पीढ़ी का एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 देश की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल है जिसे भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया है। डीआरडीओ के अनुसार इस मिसाइल की रेंज क्षमता लांच कंडीशन के आधार पर होगी।

    DRDO ने इससे पहले सेना के लिए हिमतापक हीटिंग डिवाइस तैयार की थी। इसके जरिए सेना का बंकर माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी गर्म रहेगा। इसके लिए सेना ने 420 करोड़ का ऑर्डर DRDO को दे दिया है। बैक ब्लास्ट के दौरान निकलने वाली जहरीली गैस कार्बन डाई ऑक्साइड से भी जवानों को बचाएगी। इस जहरीली गैस से जवानों की मौत भी हो जाती है। जब कोई सैनिक लॉन्चर को कंधे या जमीन पर रखकर रॉकेट छोड़ता है तो उसके पीछे से जहरीली गैस निकलती है जिसे हिमतापक अवशोषि कर लेती है।

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