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    देश में विमानों के इंजन की मरम्मत का पहला केंद्र शुरू, भारत की होगी इतनी बचत 

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद में सफ्रान की नई एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसिंग इकाई का उद्घाटन किया। 1,300 करोड़ रुपये के निवेश से बनी यह इकाई सालाना 300 एलईएपी इंजनों की सर्विसिंग करेगी। यह कदम भारत को विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा और 15 अरब डॉलर तक की बचत होगी। मोदी ने इसे वैश्विक एमआरओ हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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    विमानों के इंजन का सर्विस सेंटर भारत में शुरू।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तेलंगाना के हैदराबाद स्थित जीएमआर एयरोस्पेस एंड इंडस्ट्रियल पार्क में फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान की नई अत्याधुनिक इकाई एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (एसएईएसआइ) का उद्घाटन किया।

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    45 हजार वर्ग मीटर में फैली यह इकाई लगभग 1,300 करोड़ रुपये के शुरुआती निवेश से तैयार हुई है। यहां सालाना 300 एलईएपी इंजनों की सर्विसिंग होगी और 2035 तक पूरी परिचालन क्षमता हासिल कर लेने पर यह एक हजार से अधिक भारतीय तकनीशियनों और इंजीनियरों को रोजगार देगी।

    भारत की होगी कितनी बचत?

    यह कदम भारत को विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा और आने वाले वर्षों में 15 अरब डॉलर तक की बचत होगी। एसएईएसआइ सफ्रान की समर्पित मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधा है, जो एयरबस ए320 नियो और बोइंग 737 मैक्स विमानों में इस्तेमाल होने वाली एलईएपी (लीडिंग एज एविएशन प्रोपल्शन) इंजनों की सर्विसिंग करेगी।

    यह दुनिया की सबसे बड़ी विमान इंजन एमआरओ इकाइयों में से एक है और पहली बार किसी वैश्विक इंजन निर्माता ने भारत में एमआरओ आपरेशन शुरू किया है। एमआरओ क्षमताओं के विकास से विदेशी मुद्रा की बचत होगी, उच्च मूल्य वाले रोजगार मिलेंगे और भारत को वैश्विक एविएशन हब बनाने में मदद मिलेगी।

    पीएम मोदी ने क्या कहा?

    पीएम मोदी ने कहा कि भारत विश्व में तेजी से बढ़ रहे घरेलू विमानन बाजारों में से एक है। यह इकाई आत्मनिर्भर और सक्षम भारत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह भारत को एक ग्लोबल एमआरओ हब के रूप में साबित करने में मदद करेगी और युवाओं के लिए नए अवसर भी बढ़ाएगी।

    इस अवसर पर उपस्थित नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि ग्लोबल एमआरओ हब बनकर भारत आने वाले वर्षों में 15 अरब डॉलर तक बचा सकता है।

    मोदी ने कहा कि 'भारत का मानना है कि जो देश में निवेश करते हैं वे केवल निवेशक नहीं बल्कि सह-निर्माता हैं। सरकार उन्हें विकसित भारत के अंतर्गत हितधारक के रूप में मानती है। वैश्विक निवेश और वैश्विक उद्योगों को आकर्षित करने के लिए हमने कुछ बड़े सुधार प्रदान किए। पहला हमने अर्थव्यवस्था के दरवाजे खोले, दूसरा हमने अपने फंडामेंटल्स को और मजबूत किया, तीसरा हमने बिजनेस को आसान बनाया। अधिकांश सेक्टर्स में सौ प्रतिशत एफडीआई आटोमैटिक रूप से संभव है। डिफेंस जैसे सेक्टर्स जहां पहले प्राइवेट सेक्टर्स को जगह नहीं थी, वहां भी 74 प्रतिशत एफडीआई आटोमैटिक रूप से खोल दिया गया है।'

    भारत के विमानन क्षेत्र के तेजी से विस्तार के साथ-साथ एमआरओ सुविधाओं की जरूरत में भी हुई वृद्धि को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत का लगभग 85 प्रतिशत एमआरओ संबंधी कार्य देश के बाहर हो रहा है, जिसके कारण लागत बढ़ रही है, उड़ान भरने में अधिक समय लग रहा है और विमान लंबे समय तक खड़े रह रहे हैं। भारत जैसे विशाल विमानन बाजार के लिए ऐसी स्थिति उपयुक्त नहीं है। इसलिए आज सरकार देश को दुनिया के प्रमुख एमआरओ केन्द्रों में से एक के रूप में विकसित कर रही है।

    'भारत में राफेल के लिए फाइनल असेंबली लाइन लगाने को प्रतिबद्ध'

    राफेल फाइटर जेट के लिए इंजन, लैंडिंग गियर तथा इलेक्ट्रिकल सिस्टम सहित कई जरूरी पा‌र्ट्स देने वाले सफ्रान के सीईओ ओलिवियर एंड्रीज ने कहा कि अगर भारतीय वायुसेना फाइटर जेट के लिए और आर्डर देती है तो वह राफेल इंजन और जरूरी पा‌र्ट्स के लिए भारत में एक फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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