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    नौकरीपेशा लोगों के लिए ही नहीं, किसानों के लिए भी वरदान साबित हुआ AI, फिर भी क्या है रास्ते का रोड़ा?

    By Jagran News Edited By: Jagran News Network
    Updated: Fri, 07 Feb 2025 04:40 PM (IST)

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब किसानों की भी मदद कर रहा है इसके इस्तेमाल से उनकी लागत भी कम हुई है और मुनाफा भी बढ़ा है. हालांकि खेती-किसानी से जुड़े एआई ऐ ...और पढ़ें

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    एआई के जरिए खेती करने में कई सहूलियतें हैं. (फोटो सोर्स- फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया भर के नौकरीपेशा लोगों के लिए एआई एक वरदान बनकर सामने आया है और सिर्फ नौकरी ही नहीं रोजमर्रा की निजी जरूरतों के समाधान के लिए भी एआई मददगार साबित हुआ। इस बीच कर्नाटक के खेती-किसानी करने वाले आर मुरली से भी एआई अछूता नहीं है।

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    समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, आर मुरली हर रोज सुबह में अपने फोन में एक ऐप को खोलते हैं और जांचते हैं कि उनके अनार के पेड़ों को पानी, खाद की जरूरत हैं या नहीं या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि उन पेड़ों में कीड़े लग गए हों।

    "यह तो हर रोज की बात है, ये बिल्कुल उस तरह है जैसे हम हर रोज अपने भगवान की पूजा करते हैं." 

    आर मुरली, किसान

    मुरली के खेत में ऐसे सेंसर लगे हैं जो मिट्टी की नमी, पोषक तत्वों के स्तर और मौसम को लेकर पूर्वानुमान पर लगातार अपडेट देते हैं। वह कहते हैं, "ऐप पहली चीज है जिसे मैं जागते ही चेक करता हूं."

    मुरली ने कहा कि उन्होंने एक स्टार्टअप 'फसल' की ओर से विकसित एआई सेवा का इस्तेमाल किया है। इसके जरिए खेत या फसल को कब और कितना पानी, खाद और कीटनाशक की आवश्यकता है, इसकी मॉनिटरिंग होती है। इसके इस्तेमाल से किसानों की लागत 20 प्रतिशत तक कम हुई है।

    'फसल' ऐप और किसानों के बीच क्या बन रहा रोड़ा?

    भारत में खेती-किसानी अर्थव्यवस्था में एक बड़ा योगदान देती है, लेकिन लगातार बदलते मौसम और कई दूसरी समस्याओं की वजह से इस सेक्टर में आमदनी कम हुई है। 'फसल' सरीखे ऐप भले ही किसानों के लिए फायदेमंद हैं लेकिन इसकी लागत काफी ज्यादा है।

    भारत में पहले से ही 450 से अधिक एग्रीटेक स्टार्टअप्स हैं। 2023 में सरकार के नीति आयोग थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसा, इस सेक्टर का अनुमानित मूल्यांकन 24 अरब डॉलर है।

    एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, लेकिन 'फसल' के प्रोडक्ट के इंस्टॉलेशन की लागत 5000 रुपये से लेकर 25000 रुपयों के बीच है.

    सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में किसानों की औसत मासिक आय करीब 10 हजार रुपये है और 85 प्रतिशत से अधिक किसानों के पास 5 एकड़ से कम जमीन है।

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