अमेरिकी बाजार में भारत की धाक! 2025-26 तक 1 लाख करोड़ डॉलर का होगा Export; इन सेक्टर में मचेगी धूम
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) का अनुमान है कि भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2025-26 में 1 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है। पिछले वित्त वर्ष में यह 825 अरब डॉलर था। चीन से निर्यात ऑर्डर भारत की ओर शिफ्ट हो रहे हैं क्योंकि अमेरिकी कंपनियां अब भारत में मैन्यूफैक्चरिंग स्थापित करने में रुचि दिखा रही हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिकी बाजार में भारत को मिलती बढ़त एवं मैन्यूफैक्चरिंग हब के विकल्प के तौर पर भारत को उभरता देख फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) का मानना है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में देश का निर्यात एक लाख करोड़ डॉलर के स्तर को छू सकता है।
पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में वस्तु व सेवा को मिलाकर भारत का कुल निर्यात 825 अरब डॉलर का रहा। इनमें वस्तु निर्यात की हिस्सेदारी 437.4 अरब डॉलर तो सेवा निर्यात की 387.5 अरब डॉलर की रही।
फियो अध्यक्ष एस.सी. रल्हन ने बताया कि चीन को मिलने वाले निर्यात ऑर्डर भारत की तरफ से शिफ्ट हो रहे हैं और अमेरिकी कंपनियां चीन और वियतनाम की जगह अब भारत में मैन्यूफैक्चरिंग स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। अमेरिकी सरकार की शुल्क नीति को देखते हुए अमेरिकी कंपनियां अब चीन और वियतनाम के बाद भारत को प्रमुखता से अपने विकल्प के रूप में देख रही है। अमेरिकी कंपनियां सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में निर्यात करती है।
कुछ सेक्टर में 20 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है
अमेरिका में श्रम लागत काफी अधिक होने के कारण ये कंपनियां अमेरिका की जगह अन्य देशों में निर्माण करवाती है। भारत में अभी बिल्कुल अनुकूल माहौल है क्योंकि अमेरिका ने भारत पर सिर्फ 10 प्रतिशत का शुल्क रखा है और भारत के साथ अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) के लिए वार्ता भी कर रहा है। चीन व वियतनाम पर शुल्क भी ज्यादा है और उनके बीच कोई व्यापार समझौता भी नहीं हो रहा है। फियो के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल्स, फार्मा, अपैरल जैसे सेक्टर के निर्यात में चालू वित्त वर्ष में गत वित्त वर्ष के मुकाबले 20-40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
30 अरब डॉलर तक हो सकता है फार्मा का निर्यात
चालू वित्त वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 60 अरब डॉलर तक जा सकता है जबकि गत वित्त वर्ष 2024-25 में इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात 44 अरब डॉलर का था। ऐसे ही चालू वित्त वर्ष में केमिकल्स का निर्यात 40 अरब डॉलर, अपैरल का निर्यात 25 अरब डॉलर तो फार्मा का निर्यात 30 अरब डॉलर तक जा सकता है।
चालू वित्त वर्ष में कृषि निर्यात में भी अच्छी बढ़ोतरी का अनुमान है और यह 55 अरब डॉलर के स्तर को छू सकता है। हालांकि कृषि निर्यात काफी हद तक मानसून की सक्रियता पर निर्भर करेगा। फियो का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में वस्तुओं के आयात में भी आठ प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी।
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