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    खत्म होंगे छोटी-छोटी बातों पर जेल में डालने वाले कानून, पीएम मोदी ने दिया वैश्विक चुनौतियों से निपटने का मंत्र

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 05:34 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अगले दौर के आर्थिक सुधारों को गति देने का वादा किया है जिसके लिए एक कार्य दल का गठन किया गया है। इसका लक्ष्य भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह टास्क फोर्स नियमों और नीतियों को 21वीं सदी के वैश्विक वातावरण के अनुकूल बनाएगी जिससे स्टार्टअप्स लघु उद्योगों और उद्यमियों को फायदा होगा।

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    आर्थिक सुधारों को मिलेगी गति (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक अस्थिरता और अमेरिका की शुल्क नीति की वजह से जिस भारत की आर्थिकी के समक्ष जिस तरह की चुनौतियों के उभरने की बात कही जा रही है, जानकारों का मानना है कि उससे निपटने के लिए आर्थिक सुधारों को और आगे बढ़ाना ही होगा।

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    पीएम नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में अगले दौर के आर्थिक सुधारों की गति को तेज करने का वादा करते हुए इसके लिए एक कार्य दल के गठन की घोषणा की है।

    क्या है मकसद?

    इसका मकसद देश की नीतिगत व्यवस्था को व माहौल को इस तरह से बदलना होगा कि भारत वर्ष 2047 तक विकसित देश के तौर पर स्थापित हो। वैसे सहूलियतों को बढ़ाएंगे वहीं सभी तरह के कारोबारी समूह के लिए काम करना आसान बनाने में मदद करेंगी। वैसे पीएम मोदी आम चुनाव 2024 से पहले भी अगले दौर के आर्थिक सुधारों का मुद्दा उठाते रहे हैं।

    पिछले दो दशकों में कई बार सुधारों पर सुझाव देने के लिए समितियों का गठन किया गया है। साथ ही नीति आयोग की तरफ से इस बारे में सिफारिशें दी गई हैं। यह भी याद रखना चाहिए कि विगत कुछ वर्षों में बैंकिंग, बीमा, कृषि, श्रम व भूमि सुधार पर कई बार घोषणा करने के बावजूद आगे नहीं बढ़ा जा सका है।

    किन लोगों को होगा फायदा?

    पीएम मोदी ने कहा, "नेक्स्ट जनरेशन रिफॉ‌र्म्स के लिए हमने एक टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय किया है। यह टास्क फोर्स समय सीमा में इस काम को पूरा करें। इसका गठन इसलिए किया गया है कि वर्तमान नियम, कानून, नीतियां, रीतियां 21वीं सदी के वैश्विक वातावरण में अनुकूल और भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने के संदर्भ में नए सिरे से तैयार हो और समय सीमा में यह काम हो।"

    उन्होंने कहा, "इससे जो नए लोग अपना भविष्य बनाना चाहते हैं उनको हिम्मत मिलेगी, स्टार्टअप्स, लघु उद्योग, गृह उद्योग, उद्यमियों के लिए कंप्लायंस (नियमों का अनुपालन करने की बाध्यता) कम होगी। उक्त बदलाव से निर्यात को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी।"

    किस कानून को खत्म करने की कही बात?

    पीएम मोदी ने यह भी संकेत दिया कि कार्य समूह की सिफारिशें बहुत ही व्यापक होंगी। आज जिन छोटी छोटी चीजों के लिए आम जनता को जेल में डाल दिया जाता है, उसे दूर किया जाएगा।

    उन्होंने कहा कि हमारे देश में छोटी-छोटी चीजों के लिए जेल में डालने के कानून हैं। आप हैरान हो जाएंगे किसी ने नजर नहीं दौड़ाई। मैं पीछे लगा हूं, ये मेरे देश के नागरिकों को जेल में बंद करने वाले जो अनावश्यक कानून हैं, वो खत्म होने चाहिए।

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