पाताल में भी लक्ष्य को भेदेगा अग्नि-5 मिसाइल पर लगा वारहेड, सटीक हमलों के मामले में अमेरिका का B-2 बॉम्बर भी रह जाएगा पीछे
भारत भविष्य के युद्धों के लिए बंकर बस्टर बम बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अग्नि-5 मिसाइल पर लगा मुखास्त्र (वारहेड) जमीन के नीचे 80 से 100 मीटर तक दुश्मन के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम होगा। डीआरडीओ अग्नि-5 इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का नया संस्करण विकसित कर रहा है। यह कंक्रीट की मोटी परतों के नीचे दबे दुश्मन के ठिकानों को भी भेद देगा।

आईएएनएस, नई दिल्ली। हाल के वैश्विक संघर्षों से सबक लेते हुए भारत ने भविष्य के युद्धों के लिए बंकर बस्टर बम बनाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है। भारत ऐसी शक्तिशाली मिसाइल प्रणाली पर काम कर रहा है, जिसमें अग्नि-5 पर लगा मुखास्त्र (वारहेड) पाताल में भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगा।
हालिया दिनों में जब अमेरिका ने ईरान के फोर्डो परमाणु संयंत्र पर हमला किया, तो बंकर बस्टर बम दुनियाभर में सुर्खियों में आ गया। हालांकि, भारतीय मिसाइल प्रणाली अमेरिका के बी-2 बमवर्षक से ज्यादा सटीक हमले करेगी, क्योंकि अग्नि-5 मिसाइल बेहतर ढंग से लक्ष्य पर निशाना साधेगी।
जमीन के कितने नीचे तक कर सकेगा हमला?
भारत का बंकर बस्टर बम न सिर्फ जमीन के नीचे 80 से 100 मीटर तक दुश्मन के लक्ष्यों को भेद देगा, बल्कि इसे पारंपरिक हथियारों से नष्ट भी नहीं किया जा सकेगा।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत द्वारा बंकर बस्टर बम का निर्माण पहले से प्रस्तावित था। लेकिन, ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले के बाद भारत ने इसको लेकर अपना प्रयास तेज कर दिया है।
पहाड़ियों के नीचे और मजबूत कंक्रीट से ढके होने के बावजूद अमेरिकी बंकर बस्टर ने फोर्डो परमाणु संयंत्र को तबाह कर दिया था। हालांकि, बी-2 बमवर्षक द्वारा छोड़े जाने वाले अमेरिकी बंकर बस्टर के विपरीत, भारतीय बंकर बस्टर को अग्नि मिसाइल पर वारहेड के रूप में लगाया जाएगा।
DRDO कर रहा है विकसित
भारत मिसाइल आधारित हमले का विकल्प चुन रहा है, क्योंकि इससे लागत कम होती है और परिचालन आसान रहता है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का नया संस्करण विकसित कर रहा है।
पहले के अग्नि संस्करण की रेंज 5,000 किलोमीटर से अधिक है और यह आमतौर पर परमाणु वारहेड ले जाता है। नया संस्करण एक पारंपरिक हथियार होगा, जो 7,500 किलोग्राम भारी बंकर बस्टर वारहेड ले जाने में सक्षम होगा।
इसे इस तरह डिजाइन किया जा रहा है, जिससे यह कंक्रीट की मोटी परतों के नीचे दबे हुए दुश्मन के ठिकानों को भी भेद देगा। नए बंकर बस्टर वारहेड दुश्मन के इलाके में कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर, मिसाइल भंडार और महत्वपूर्ण सैन्य ढांचे को निशाना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
अग्नि-5 के दो नए संस्करण
- अग्नि-5 मिसाइल के दो नए संस्करण विकसित किए जा रहे हैं।
- एक को जमीन के ऊपर के लक्ष्यों, जैसे कि एयरफील्ड रनवे और दुश्मन के टैंकों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया जा रहा है।
- दूसरे में अमेरिका के बंकर बस्टर बम के समान जमीन के नीचे गहराई तक हमला करने की क्षमता होगी।
- इन मिसाइलों की रेंज मूल अग्नि-5 की 5,000 किलोमीटर की रेंज की तुलना में 2,500 किलोमीटर तक सीमित होने की उम्मीद है, क्योंकि वारहेड का वजन अधिक होगा।
अग्नि-5 की विशेषताएं
- यह भारत की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है
- यह 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार कर सकती है
- यह मिसाइल परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है
- इसे सड़क पर चलने वाले लांचर से छोड़ा जा सकता है
- यह उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली से लैस है, जो सटीक निशाना सुनिश्चित करती है
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