5 साल बाद फिर शुरू हुई भारत-चीन के बीच डायरेक्ट उड़ान, इन शहरों से जाएगी फ्लाइट
भारत और चीन के बीच पाँच साल बाद सीधी उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। चीनी दूतावास ने इसकी पुष्टि की है। इंडिगो एयरलाइन ने सबसे पहले उड़ानें शुरू करने की घोषणा की थी, और अब कोलकाता से ग्वांगझू के लिए पहली उड़ान रवाना हो चुकी है। कोविड-19 के कारण उड़ानें निलंबित कर दी गई थीं, लेकिन अब संबंधों में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।

शंघाई-नई दिल्ली मार्ग पर नौ नवंबर से शुरू होगी फ्लाइट (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें पांच साल के बाद आधिकारिक तौर पर फिर से शुरू हो गई हैं, जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच सामान्य संबंधों को बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। रविवार को भारत स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने इस बात की पुष्टि करते हुए एक्स पर लिखा, 'चीन और भारत के बीच सीधी उड़ानें अब एक वास्तविकता हैं।'
कोलकाता से ग्वांगझू के लिए पहली उड़ान आज रवाना हुई, जबकि शंघाई-नई दिल्ली मार्ग पर नौ नवंबर से हर हफ्ते तीन उड़ानें शुरू होंगी। इस महीने की शुरुआत में भारतीय एयरलाइन इंडिगो ने घोषणा की थी कि वह कोविड-19 के कारण निलंबन के बाद दोनों देशों के बीच सेवाएं फिर से शुरू करने वाली पहली एयरलाइनों में से एक होगी।
इंडिगो ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की
दो अक्टूबर को जारी एक विज्ञप्ति में एयरलाइन ने कहा था कि वह 26 अक्टूबर से एयरबस ए320नियो विमानों का उपयोग करके कोलकाता और ग्वांगझू के बीच दैनिक नानस्टॉप उड़ानें शुरू करेगी। इंडिगो ने नियामक अनुमोदन मिलने के बाद दिल्ली और ग्वांगझू के बीच सीधी उड़ानें शुरू करके सेवा का विस्तार करने की योजना का भी उल्लेख किया था। एयरलाइन ने कहा था कि ये मार्ग भारत और चीन के बीच व्यापार और पर्यटन संबंधों को फिर से बनाने में मदद करेंगे।
बाद में 11 अक्टूबर को इंडिगो ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की कि दिल्ली और ग्वांगझू के बीच दैनिक सीधी उड़ानें 10 नवंबर से शुरू होंगी, जिससे दोनों देशों के बीच संपर्क मजबूत होगा। विदेश मंत्रालय ने भी इस महीने की शुरुआत में सीधी उड़ानों की बहाली की पुष्टि की थी। भारत और चीन के बीच उड़ानें जून, 2020 में कोविड-19 महामारी और गलवन घाटी में हुई झड़प के बाद से निलंबित थीं।
तब से, नई दिल्ली और बीजिंग के बीच राजनयिक और आर्थिक संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। हालांकि, अक्टूबर, 2024 में दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पैट्रोलिंग (गश्त व्यवस्था) पर एक समझौते पर पहुंचे, जिसे तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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