Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चीन की हरकतों पर भारतीय सेना रखेगी पैनी नजर, लद्दाख में इजरायली हेरोन ड्रोन तैनात

    By TaniskEdited By:
    Updated: Tue, 30 Nov 2021 04:18 PM (IST)

    वस्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस बीच ड्रैगन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारतीय सेना को इजरायल से एडवांस हेरोन ड्रोन मिला है। कोरोना महामारी के कारण इसमें कुछ महीनों की देरी हुई है।

    Hero Image
    लद्दाख में इजरायली हेरोन ड्रोन तैनात ।

    नई दिल्ली, एएनआइ। वस्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इस बीच ड्रैगन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारतीय सेना को इजरायल से एडवांस हेरोन ड्रोन मिला है। कोरोना महामारी के कारण इसमें कुछ महीनों की देरी हुई है। एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि देश में ये एडवांस ड्रोन आ गए हैं। इन्हें निगरानी गतिविधियों के लिए पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किया जा रहा है।  उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा हेरोन ड्रोन पिछले संस्करणों की तुलना में काफी बेहतर है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहले की तुलना में इनकी एंटी-जैमिंग क्षमता भी काफी बेहतर है। इन ड्रोनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत खरीदा गया है। इसके तहत वे चीन के साथ चल रहे सीमा संघर्ष के बीच अपनी युद्धक क्षमताओं को उन्नत करने के लिए 500 करोड़ रुपये के उपकरण और सिस्टम खरीद सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक अन्य ड्रोन भारतीय कंपनियों से खरीदे जा रहे हैं।

    भारतीय रक्षा बल हथियार प्रणालियों को हासिल करने के लिए सरकार से मिली आपातकालीन वित्तीय शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो चीन के साथ चल रहे संघर्ष में उनकी मदद कर सकते हैं। इससे पहले रक्षा बलों को ऐसे अधिकार 2019 में पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ बालाकोट हवाई हमले के ठीक बाद दिए गए थी। इसका इस्तेमाल करते हुए भारतीय नौसेना ने दो प्रीडेटर ड्रोन को लीज पर लिया है। ये ड्रोन अमेरिकी फर्म जनरल एटामिक्स से लिए गए हैं।

    भारतीय वायुसेना ने लगभग 70 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज के साथ हैमर एयर टू ग्राउंड स्टैंडआफ मिसाइलों के साथ बड़ी संख्या में एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, लंबी दूरी तक सटीक निशाना साधने वाले तोप के गोले हासिल करने के लिए समान शक्तियों का प्रयोग किया है। आपातकालीन खरीद अधिकार इस साल 31 अगस्त को समाप्त हो गए। अगर इन्हें विस्तार मिलता है, तो सशस्त्र बल अपनी लड़ाकू क्षमताओं में सुधार के लिए कुछ अन्य उपकरणों को खरीद सकते हैं।