India China Border News: सीमा विवाद जानने के लिए समझें LOC, LAC व इंटरनेशनल बार्डर का अंतर
India China Border News लाइन ऑफ कंट्रोल लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल व इंटरनेशनल बार्डर का मतलब समझे बिना चीन व पाकिस्तान संग भारत के सीमा विवाद को नहीं समझा जा सकता।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कभी चीन संग भारत का LAC को लेकर विवाद तो कभी पाकिस्तान संग LOC का विवाद। इस विवाद की जड़ को समझने के लिए बहुत जरूरी है कि हमें देश की सीमाओं के बारे में भी थोड़ी बहुत जानकारी हो। क्या आप जानते हैं अपने देश की सरहदें तीन तरह से विभाजित हैं। इन सीमाओं को कहीं LOC, कहीं LAC तो कहीं अंतरराष्ट्रीय सीमा कहा जाता है। आइये जानतें हैं क्या है इन तीनों में अंतर और क्यों पड़ोसी देशों संग इसे लेकर हमेशा विवाद होता रहता है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border)
अंतरराष्ट्रीय सीमा किसी भी देश की उस सरहद को कहा जाता है जो उसे अन्य पड़ोसी देशों से स्पष्ट तौर पर अलग करती है। इंटरनेशनल बार्डर, रेडक्लिफ लाइन पर स्थित है। इसे अंतरराष्ट्रीय सीमा इसलिए कहा जाता है कि दुनिया भर से इस सीमा को स्वीकृति मिली होती है। मतलब ये एक स्पष्ट सरहद होती है, जिसे लेकर किसी पड़ोसी मुल्क से कोई विवाद नहीं होता है। भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा गुजरात के समुद्र से शुरू होकर राजस्थान, पंजाब और जम्मू तक जाती है। अंतरराष्ट्रीय सीमा भारत को पाकिस्तान के चार प्रांतों से अलग करती है। ये प्रांत हैं कश्मीर, वाघा और भारत व पाकिस्तान का पंजाब क्षेत्र। भारत व पाकिस्तान के अलावा देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं म्यांमार, बांग्लादेश और भूटान के साथ भी मिलती हैं।
नियंत्रण रेखा (LOC)
नियंत्रण रेखा या लाइन ऑफ कंट्रोल, दो देशों के बीच सैन्य समझौतों के तहत आधिकारिक तौर पर निर्धारित की गई सरहद है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे नहीं मानता है। भारत-पाकिस्तान के बीच की मौजूदा सरहत को लाइन ऑफ कंट्रोल कहा जाता है। वर्ष 1947 में भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, तब पूरा कश्मीर भारत का हिस्सा था। लगातार सीमा विवाद को देखते हुए वर्ष 1948 में दोनों देशों ने आपसी सहमति से लाइन ऑफ कंट्रोल का निर्धारण कर लिया था। बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और वर्ष 1971 में उसने कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर अवैध कब्जा कर लिया, जिसे अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के तौर पर जाना जाता है। इस जंग के बाद वर्ष 1972 में भारत-पाक के बीच शिमला समझौता हुआ, जिसमें दोनों तरफ की सेनाओं ने नक्शे पर लाइन बनाकर लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) निर्धारित कर दी। हालांकि ये आधिकारिक सीमा नहीं होती है। LOC सैन्य नियंत्रण वाला वो हिस्सा है, जो विवादित हिस्से से दूर रहने के लिए निर्धारित है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)
वास्तविक नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल), नियंत्रण रेखा (LOC) से अलग होती है। भारत-चीन के बीच की 4057 किमी लंबी सरहद को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) कहा जाता है। दोनों देशों के बीच मौजूद एलएसी भारतीय राज्य लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। LOC की तरह यह भी दो देशों द्वारा तय की गई एक तरह की युद्ध विराम रेखा है। दोनों में फर्क ये है कि एलओसी जहां मैप पर स्पष्ट तौर पर निर्धारित की गई है, वहीं एलएसी का कोई स्पष्ट या आधिकारिक निर्धारण नहीं है। यही वजह है कि इसे लेकर हमेशा विवाद की स्थिति बनी रहती है। वर्ष 1962 के युद्ध के बाद चीनी सेना जहां मौजूद थी, उसे ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) मान लिया गया। इसी युद्ध में चीन ने भारत के अधिकार क्षेत्र वाले अक्साई चीन पर कब्जा कर लिया था। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय LAC को नहीं मानता है।
शातिर ड्रैगन नहीं मानता मैकमोहन लाइन
करगिल वार हीरो शहीद कैप्टन विजयंत थापर के पिता कर्नल वीएन थापर के मुताबिक ब्रिटिश शासन काल में ही अंग्रेजों ने भारत व चीन के बीच सरहद का निर्धारण कर दिया था, जिसे मैकमोहन लाइन के नाम से जाना जाता है। इसके तहत अक्साई चीन भारत का हिस्सा था। हालांकि, चालबाज चीन अब मैकमोहन लाइन को नहीं मानता है। 1962 की लड़ाई में उसने भारत की जमीन कब्जा ली थी। उससे पहले तक गलवन घाटी समेत आसपास का पूरा इलाका भारत का हिस्सा था। इसी गलवन घाटी पर चीन अब अपना दावा ठोक रहा है।
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