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    India-China: LAC विवाद पर भारत और चीन के बीच शांति बनाए रखने पर बनी सहमति, कोर कमांडर स्तर की मीटिंग में फैसला

    India-China भारत-चीन के सैन्य कमांडरों के बीच LAC पर विवाद को लेकर कई घंटों तक बैठक चली। इस बैठक में भारत और चीन के बीच LAC समेत कई मुद्दों को लेकर चर्चा भी हुई। हालांकि कई घंटों तक चली इस बैठक में कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है लेकिन दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखने पर सहमत जताई है।

    By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 15 Aug 2023 09:33 PM (IST)
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    India-China: LAC विवाद पर भारत और चीन के बीच शांति बनाए रखने पर बनी सहमति (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, एजेंसी। भारत-चीन के सैन्य कमांडरों के बीच LAC पर विवाद को लेकर कई घंटों तक बैठक चली। इस बैठक में भारत और चीन के बीच LAC समेत कई मुद्दों को लेकर चर्चा भी हुई। हालांकि, कई घंटों तक चली इस बैठक में कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है, लेकिन दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखने पर सहमत जताई है।

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    विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

    विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 19वीं बैठक 13-14 अगस्त, 2023 को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो में आयोजित की गई थी। दोनों पक्षों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा हुई। बयान में आगे कहा गया कि दोनों देशों के बीच दूरदर्शी तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया गया।

    इस दौरान शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत और उसकी गति को बनाए रखने पर सहमत भी हुए। साथ ही दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर भी सहमति जताई।

    23 अप्रैल 2023 को हुई थी 18वें दौर की बैठक

    इससे पहले भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक का 18वां दौर भी 23 अप्रैल 2023 को चुशुल-मोल्डो सीमा पर आयोजित किया गया था। दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर स्पष्ट और गहन चर्चा की ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल की जा सके, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होगी।

    इन मुद्दों पर जताई सहमति

    दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन और मार्च 2023 में दोनों विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के आगे उन्‍होंने खुले और स्‍पष्‍ट तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया। इस बीच, दोनों पक्ष पश्चिमी क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से निकट संपर्क में रहने और बातचीत बनाए रखने और शेष मुद्दों का जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से समाधान निकालने पर सहमत हुए।

    भारत और चीन की सेनाओं के बीच कई बार हुआ टकराव

    बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव शुरू होने के तुरंत बाद दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव कम करने और पीछे हटने पर सैन्य वार्ता शुरू की है। तब से दोनों पक्ष टकराव से बचने और मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए कई टकराव बिंदुओं से हट गए हैं और नए स्थानों पर चले गए हैं।

    शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाना चाहता है भारत

    सूत्रों ने कहा कि भारतीय पक्ष इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए इच्छुक है और उन्होंने पूर्वी लद्दाख के विपरीत क्षेत्रों में चीन का मुकाबला करने के लिए 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। बता दें कि दोनों पक्षों ने सीमा पर भारी तैनाती की है, लेकिन सीधे टकराव का विरोध किया है। हालांकि, भारतीय पक्ष एलएसी पर प्रतिद्वंद्वी द्वारा किसी भी दुस्साहस की संभावना से इनकार नहीं करता है।