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    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते में डाटा को लेकर भारत सतर्क, राज्यसभा में बोले उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 07:26 AM (IST)

    राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) के ढांचे ...और पढ़ें

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    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते में डाटा को लेकर भारत सतर्क- जितिन प्रसाद (फोटो- वीडियो ग्रैब)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते में डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण नियम 2025 की उभरती आवश्यकताओं के अनुरूप प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए सीमा पार डाटा प्रवाह को लेकर भारत सतर्क है।

    राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) के ढांचे के तहत डाटा-स्थानीयकरण प्रतिबद्धताओं के संबंध में एक विचारशील और सतर्क दृष्टिकोण अपनाया गया है।

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    उन्होंने कहा कि वर्तमान में ब्रिटेनके साथ हस्ताक्षरित सीईटीए में डाटा-स्थानीयकरण संबंधी कोई अनुच्छेद या प्रविधान नहीं हैं। हालांकि, समझौते में सीमा पार डाटा प्रवाह और डाटा स्थानीयकरण की समीक्षा के प्रविधान हैं।

    देश में मोबाइल फोन का आयात 10 साल में 75 प्रतिशत से घटकर 0.02 प्रतिशत रह गया

    देश में मोबाइल फोन का आयात 2024-25 में घरेलू मांग का लगभग 0.02 प्रतिशत रह गया है, जो 10 साल पहले 75 प्रतिशत था। यह जानकारी शुक्रवार को संसद में साझा किए गए आंकड़ों से मिली।

    इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने एक लिखित उत्तर में बताया कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बाद इलेक्ट्रानिक सामानों का उत्पादन 2014-15 के 1.9 लाख करोड़ रुपये से छह गुना बढ़कर 2024-25 में 11.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

    जितिन प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, सरकार ने सेमीकंडक्टर सहित सभी मूल्य श्रृंखलाओं में इलेक्ट्रानिक विनिर्माण के लिए पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए एक योजनाबद्ध और व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया है।

    सरकार ने प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक पर सुझावों की जांच की केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने बताया कि सरकार ने प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक के मसौदे पर सुझावों की जांच की है।

    प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक-2023 का मसौदा, जिसने हंगामा खड़ा कर दिया था और जिसे सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था। यह विधेयक डिजिटल सामग्री निर्माताओं और पारंपरिक प्रसारकों को एक सख्त विनियमित सामान्य नियामक ढांचे के तहत रखने की मांग करता था।

    मंत्री ने कहा कि विधेयक 10 नवंबर, 2023 को सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था और आम जनता और हितधारकों से नौ दिसंबर, 2023 तक विचार, टिप्पणियां और सुझाव मांगे गए थे, जिसे बाद में 15 जनवरी, 2024 तक बढ़ा दिया गया था।