जायडस कैडिला की वैक्सीन का ट्रायल मार्च तक होगा पूरा, कंपनी एक साल में बनाएगी 10 करोड़ खुराक
भारत की दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला अपनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अगले साल फरवरी या मार्च तक पूरा करने की योजना बना रही है।
अहमदाबाद, रायटर। भारत की दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला अपनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अगले साल फरवरी या मार्च तक पूरा करने की योजना बना रही है। कंपनी के चेयरमैन पंकज पटेल ने शुक्रवार को कहा कि यदि वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा, तो वह 10 करोड़ खुराक का एक साल में उत्पादन करेगी। कैडिला की वैक्सीन का नाम जायकोव-डी है। यह उन दर्जनों वैक्सीनों में शुमार है, जिसका विकास कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए किया जा रहा है।
पटेल ने एक साक्षात्कार में कहा, हमें सात महीने या इससे कुछ ज्यादा समय में वैक्सीन तैयार होने की उम्मीद है, बशर्ते डाटा उत्साहवर्धक रहा और ट्रायल के दौरान टीका असरकारक साबित हुआ। हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अन्य दवा निर्माताओं के साथ भी साझेदारी करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, इस समय इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हम यह काम पहले और दूसरे चरण का परीक्षण खत्म होने के बाद करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे चरण का मानव परीक्षण अगले तीन महीने में संपन्न होने की उम्मीद है।
कैडिला कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली दवा रेमडेसिविर का उत्पादन करने की योजना भी बना रही है। गंभीर मरीजों में सकारात्मक असर दिखाने के बाद दुनियाभर में इसकी मांग बढ़ी है। कैडिला उन कई दवा कंपनियों में शामिल है, जिसने पिछले महीने अमेरिकी कंपनी गिलियड साइंसेज से भारत समेत विकासशील देशों में दवा का उत्पादन और बेचने के लिए लाइसेंस की खातिर समझौता किया था।
देश के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप का कहना है कि कोरोना के लिए स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर है। जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) ने कहा है कि उसने अपनी कोरोना वैक्सीन के मानव परीक्षण की शुरुआत कर दी है। इसके तहत मानव ट्रायल के फेज-1 और फेज-2 को शुरू कर दिया गया है। प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन ZyCoV-D को जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) द्वारा विकसित की गई है।