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    भारत-ब्रिटेन के बीच 468 मिलियन डॉलर की डील, किन-किन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर?

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 06:35 PM (IST)

    भारत और ब्रिटेन ने 468 मिलियन डॉलर की मिसाइल डील पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारतीय सेना को ब्रिटिश मिसाइलें मिलेंगी और वायु रक्षा मजबूत होगी। दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी, शिक्षा, व्यापार और जलवायु जैसे क्षेत्रों में भी कई समझौते किए हैं। इन समझौतों से नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार सृजित होंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

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    भारत-ब्रिटेन के बीच कई अहम समझौतों पर हुए हस्ताक्षर।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन ने 350 मिलियन पाउंड (468 मिलियन डॉलर) के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत भारतीय सेना को ब्रिटेन निर्मित मिसाइलें मिलेंगी।

    एक संयुक्त बयान में केंद्र ने कहा कि यह सौदा भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगा और आत्मनिर्भर भारत की भावना के अनुरूप, भारतीय रक्षा मंत्रालय की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करेगा और दोनों देशों के बीच जटिल हथियारों पर दीर्घकालिक सहयोग को समर्थन देगा।

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    ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि मिसाइल आपूर्ति से उत्तरी आयरलैंड में 700 से अधिक नौकरियों के सीधे सृजन की उम्मीद है, जो इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड के साथ यूनाइटेड किंगडम के चार घटक देशों में से एक है।

    और किन समझौतों पर बनी सहमति?

    प्रौद्योगिकी और नवाचार-

    • भारत-यूके कनेक्टिविटी और नवाचार केंद्र की स्थापना।
    • एआई के लिए भारत-यूके संयुक्त केंद्र की स्थापना।
    • यूके-भारत महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला वेधशाला के द्वितीय चरण का शुभारंभ तथा आईआईटी-आईएसएम धनबाद में एक नए उपग्रह परिसर की स्थापना।
    • लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए क्रिटिकल मिनरल्स इंडस्ट्री गिल्ड की स्थापना।

    शिक्षा-

    • बेंगलुरु में लैंकेस्टर विश्वविद्यालय का परिसर खोलने के लिए आशय पत्र सौंपे।
    • गिफ्ट सिटी में सरे विश्वविद्यालय का परिसर खोलने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी।

    व्यापार और निवेश-

    • पुनर्गठित भारत-यूके सीईओ फोरम की उद्घाटन बैठक।
    • भारत-यूके संयुक्त आर्थिक व्यापार समिति (जेईटीसीओ) का पुनर्गठन, जो सीईटीए के कार्यान्वयन में सहायता करेगा तथा दोनों देशों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
    • जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्टअप फंड में एक नया संयुक्त निवेश, जो जलवायु प्रौद्योगिकी और एआई जैसे क्षेत्रों में नवोन्मेषी उद्यमियों को समर्थन देने के लिए यूके सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच समझौता ज्ञापन के तहत एक रणनीतिक पहल है।

    जलवायु, स्वास्थ्य और अनुसंधान-

    • जैव-चिकित्सा अनुसंधान कैरियर कार्यक्रम के तीसरे चरण का शुभारंभ।
    • अपतटीय पवन कार्यबल की स्थापना।
    • स्वास्थ्य अनुसंधान पर आईसीएमआर और एनआईएचआर, यूनाइटेड किंगडम के बीच आशय पत्र (एलओआई)।

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