दुनियाभर में कर पारदर्शिता का अग्रदूत बना भारत, 172 देशों ने टैक्स चोरी रोकने में इंडिया की पहल को सराहा
भारत वैश्विक कर पारदर्शिता में अग्रणी बनकर उभरा है, जिसकी 172 सदस्य देशों वाले आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने सराहना की है। ओईसीडी ने भारत को ...और पढ़ें

172 देशों ने टैक्स चोरी रोकने में इंडिया की पहल को सराहा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक तरफ पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश में हवाला नेटवर्क, क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन और बेनामी संपत्तियों में निवेश जैसी अवैध अर्थव्यवस्था का बोलबाला है, वहीं भारत की टैक्स पारदर्शिता नीति की दुनियाभर में प्रशंसा हो है और उदाहरण के तौर पर पेश किया जा रहा है।
172 सदस्य देशों वाले वैश्विक मंच 'आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी)' ने भारत को वैश्विक कर पारदर्शिता के क्षेत्र में “मजबूत चैंपियन'' करार देते हुए कहा है कि आफशोर टैक्स चोरी के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता से उल्लेखनीय नतीजे सामने आए हैं।
कितनी अघोषित संपत्तियों का खुलासा हुआ?
हालिया अभियान के तहत करदाताओं द्वारा 29,000 करोड़ से अधिक की अघोषित विदेशी संपत्तियों का खुलासा किया गया है।ओईसीडी सचिवालय की प्रमुख जायदा मनाटा ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह उपलब्धि कर पारदर्शिता और सूचनाओं के स्वचालित आदान-प्रदान (एईओआइ) मानकों को लागू करने के प्रति भारत की गंभीरता को दर्शाती है।
मनाटा हाल ही में दो से चार दिसंबर के बीच नई दिल्ली में आयोजित 'टैक्स उद्देश्यों के लिए पारदर्शिता और सूचना के आदान-प्रदान पर वैश्विक मंच' की वार्षिक पूर्ण बैठक में भाग लेने भारत आई थीं।172 देशों की सदस्यता वाला ये वैश्विक फोरम 'ओईसीडी' आर्थिक और सामाजिक नीतियों को बढ़ावा देने के लिए दुनियाभर में जाना जाता है।
इसका मुख्यालय फ्रांस में स्थित है। उन्होंने कहा कि भारत 2009 से ही वैश्विक मंच के कार्यों का सक्रिय समर्थन कर रहा है और आफशोर टैक्स चोरी के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
कामन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (सीआरएस) के तहत वित्तीय खातों की स्वचालित जानकारी साझा करने के लिए भारत ने आवश्यक कानूनी ढांचा तैयार कर लिया है और इसका प्रभावी क्रियान्वयन जारी है।
कारगर रहा सीबीडीटी का 'नज'
अभियानमनाटा के अनुसार, आयकर विभाग और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा शुरू किए गए 'नान-इंट्रूसिव यूसेज आफ डाटा टू गाइड एंड इनेबल' (एनयूडीजीई-नज) अभियान से ठोस परिणाम मिले हैं। इस पहल के तहत विदेशी संपत्तियों की रिपोर्टिंग करने वाले करदाताओं की संख्या में 45.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि लगभग 29,200 करोड़ की संपत्तियां और 1,089 करोड़ की विदेशी आय घोषित की गई।
सीबीडीटी ने नवंबर 2024 में पहला 'नज' अभियान शुरू किया था, जिसके बाद नवंबर 2025-26 आकलन वर्ष के लिए दूसरा चरण भी शुरू किया गया है। ओईसीडी अधिकारी ने कहा कि एईओआइ व्यवस्था के तहत 2024 में 17.1 करोड़ खातों से जुड़ी 13 खरब की जानकारी का आदान-प्रदान हुआ, जिससे सदस्य देशों को बड़ा लाभ मिला है।
क्रिप्टो को भी दायरे में लाने की पहल
मनाटा ने यह भी बताया कि ओईसीडी अब क्रिप्टोकरेंसी जैसी नई परिसंपत्ति श्रेणियों को कर पारदर्शिता के दायरे में लाने पर काम कर रहा है। क्रिप्टो एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (सीएआरएफ) के तहत 2027 से देशों के बीच डाटा साझा होने की उम्मीद है। अगली ग्लोबल फोरम पूर्ण बैठक 2026 में युगांडा में प्रस्तावित है।

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