India US Trade Deal: '25 फीसदी टैरिफ खत्म करो', ट्रेड डील पर भारत-अमेरिका के बीच हुआ मंथन
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक बातचीत हुई है जिससे गतिरोध समाप्त होने की संभावना है। दोनों देशों ने आपसी लाभ के लिए व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने पर सहमति जताई है। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने का निर्णय लिया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते से जुड़ी बातचीत का गतिरोध समाप्त होता दिख रहा है। बातचीत सकारात्मक दिशा में अग्रसर हो रही है जो आगे भी जारी रहेगी। दोनों देशों ने आपसी लाभ से जुड़े व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की दिशा में सहमति जताई है।
मंगलवार को नई दिल्ली में अमेरिका के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच और भारत के मुख्य वार्ताकार व वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापार संबंधी बातचीत की गई। व्यापार समझौते को लेकर भारत और अमेरिका के बीच जारी वार्ता के अगले चरण को शुरू करने के लिए गत 25 अगस्त को अमेरिकी दल को भारत आना था जिसे टाल दिया गया था।
मंगलवार को हुई बातचीत काफी अहम
गत 27 अगस्त से अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने का कारण बताते हुए भारत पर और 25 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया। इस दौरान अमेरिका और भारत के बीच संबंध तल्ख होते दिख रहे थे। इन सभी वजहों से मंगलवार को हुई बातचीत काफी अहम बताई जा रही है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक बातचीत के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के महत्व को समझते हुए इसे आगे बढ़ाने की दिशा में अपने-अपने प्रयासों को तेज करने का फैसला किया।
बीटीए शुरू करने के दौरान अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। वार्ता के दौरान दोनों देशों ने माना कि व्यापार समझौता एक-दूसरे के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है और उसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए। गत मार्च में दोनों देशों के बीच बीटीए को लेकर वार्ता शुरू की गई थी और अब तक इस वार्ता के पांच चरण हो चुके हैं। छठे चरण की औपचारिक शुरुआत व अन्य व्यापारिक गतिरोध को लेकर ही मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच बैठक का आयोजन किया गया था।
वार्ता की शुरुआत की कोई तारीख नहीं
हालांकि वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से अगले चरण की वार्ता की शुरुआत की कोई तारीख नहीं बताई गई है, लेकिन माना जा रहा है कि भारत ने अमेरिका से जुर्माने के रूप में वसूले जा रहे 25 प्रतिशत के शुल्क को समाप्त करने के लिए कहा है। अभी अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का शुल्क वसूला जाता है। इनमें 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क है तो 25 प्रतिशत रूस से तेल खरीदने के कारण जुर्माने के रूप में लिया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक व्यापार समझौते की वार्ता में भारत अपने किसान, मछुआरे और डेयरी कारोबारियों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। भारत अमेरिका में गत वित्त वर्ष में 86 अरब डालर का निर्यात किया था जो कुल वस्तु निर्यात का 18 प्रतिशत है। 50 प्रतिशत शुल्क से अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यात का प्रभावित होना तय माना जा रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।