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    मलक्का स्ट्रेट में भारत की पेट्रोलिंग को सिंगापुर का समर्थन, परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर भी हुई चर्चा

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 09:02 PM (IST)

    भारत और सिंगापुर ने अपनी 60वीं राजनयिक वर्षगांठ पर द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री वोंग के बीच हैदराबाद हाउस में हुई बैठक में इस रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया। दोनों देशों के बीच मैन्यूफैक्चरिंग डिजिटल व ग्रीन शिपिंग जैसे क्षेत्रों में समझौता हुआ।

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    मलक्का स्ट्रेट में भारत की तरफ से पेट्रोलिंग करने की रणनीति का समर्थन (फोटो: @MEAIndia)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत और सिंगापुर ने अपनी 60वीं राजनयिक वर्षगांठ के अवसर पर द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक महत्वाकांक्षी और दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया है। गुरुवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच हुई बैठक में इस रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया।

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    इसमें आठ प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर सहमति बनी। दोनों देशों के बीच मैन्यूफैक्चरिंग, डिजिटल व ग्रीन शिपिंग, कौशल विकास जैसे पांच क्षेत्रों में समझौता पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। सिंगापुर ने रणनीतिक साझेदारी को और ज्यादा गहरा करते हुए हिंद महासागर को साउथ चाइना सी को जोड़ने वाले मलक्का स्ट्रेट में भारत की तरफ से पेट्रोलिंग करने की रणनीति का समर्थन किया है।

    भारत की सक्रिय कूटनीति की चर्चा

    पिछले दिनों चीन जाने से पहले पीएम मोदी की जापान यात्रा और चीन से वापसी के बाद सिंगापुर के पीएम के साथ दीर्घकालिक रणनीति के रोडमैप पर चर्चा को भारत की सक्रिय कूटनीति के तौर पर देखा जा रहा है। जापान व सिंगापुर, दोनों ही चीन की आक्रामक नीतियों को लेकर असहज हैं। दक्षिण पूर्व के कुछ अन्य देश पहले ही मलक्का स्ट्रेट में भारत की सक्रियता बढ़ने का समर्थन कर चुके हैं।

    पीएम मोदी और पीएम वोंग की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में भी इस बात का जिक्र है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत और सिंगापुर के रिश्ते केवल कूटनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आपसी विश्वास, साझा मूल्यों, और भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण पर आधारित हैं।

    प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाया जायेगा

    उन्होंने कहा, “हमारे संबंध समय के साथ बदलते हुए नए क्षेत्रों जैसे उन्नत विनिर्माण, हरित शिपिंग, और परमाणु ऊर्जा सहयोग तक विस्तारित हुए हैं। हमने तय किया है कि आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस, क्वांटम, और अन्य डिजिटल प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाया जायेगा। आज स्पेस सेक्टर में हुए समझौते से अन्तरिक्ष विज्ञान क्षेत्र सहयोग में एक नया अध्याय जुड़ रहा है।''

    पीएम वोंग ने कहा, ''इस अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य में, भारत-सिंगापुर संबंध और भी महत्वपूर्ण हो गए हैं। हम ठोस परिणामों और कार्रवाई पर आधारित साझेदारी चाहते हैं।'' उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति में सिंगापुर की निरंतर विश्वास को दोहराया। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि यह रोडमैप दोनों देशों के बीच साझेदारी को न केवल नाम में, बल्कि वास्तविकता में भी रणनीतिक बनाएगा। पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच कारोबारी संबंधों को और ज्यादा प्रगाढ़ करने पर ज्यादा जोर दिया।

    परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर विशेष चर्चा

    दोनों देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान के मतुाबिक व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए आठ क्षेत्रों में सहयोग प्रगाढ़ किया जाएगा। इसमें रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र भी शामिल हैं। इसके तहत समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोध, और क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचों में सहयोग बढ़ाया जाएगा। अगली पीढ़ी के उद्योगों की जरूरत के लिए औद्योगिक पार्क बनाने, सेमीकंडक्टर व उड्डयन जैसे क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण को बेहतर करने, अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने जैसे कई घोषणाएं इसमें शामिल हैं।

    स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा अनुसंधान में सहयोग को बढ़ावा देना भी इनके एजेंडे में है। बैठक में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर विशेष चर्चा हुई। दोनों देश छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के अनुसंधान और विकास में सहयोग की संभावनाएं तलाश रहे हैं। भारत की वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। और सिंगापुर इस क्षेत्र में तकनीकी और अनुसंधान सहयोग प्रदान कर सकता है।

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