मालदीव में UPI से होगा पेमेंट, FTA पर भी चर्चा शुरू... पीएम मोदी के दौरे ने चीन का प्लान कैसे कर दिया फेल?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की जिसमें भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौते और मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता शुरू करने पर सहमति बनी। भारत ने मालदीव को 4850 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की और पूर्व में दी गई आर्थिक मदद की शर्तों में राहत दी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ब्रिटेन से मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को अपने पड़ोसी देश मालदीव पहुंचे। वहां उनकी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात हुई और दोनों नेताओं के बीच सहमति बनी कि भारत और मालदीव शीघ्र ही द्विपक्षीय निवेश समझौता (बीआईटी) करेंगे और मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने के लिए वार्ता शुरू करने की सहमति बन गई।
हिंद महासागर में स्थित इस देश को लुभाने में चीन की बेहद सक्रिय कूटनीति को देखते हुए भारत ने मालदीव को कई तरह से मदद पहुंचाने की भी घोषणा की। इसमें 4850 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद (लाइन ऑफ क्रेडिट-एलओसी) देने का एलान किया और पूर्व में भारत की आर्थिक मदद की अदाएगी की शर्तों में भारी राहत दी, जिससे मालदीव सरकार का आर्थिक बोझ बहुत कम हो जाएगा।
मुइज्जू ने पीएम मोदी का स्वागत किया
मोदी और मुइज्जू के बीच आपसी सहयोग के सारे आयामों पर बहुत ही विस्तार से बात हुई जिसमें समुद्री सुरक्षा व रक्षा क्षेत्र में सहयोग से जुड़े मुद्दे काफी अहम रहे। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने पीएम मोदी का माले हवाई अड्डे पर स्वयं जा कर स्वागत किया, जो यह बताता है कि भारत विरोध का जो तरीका उन्होंने चुनाव जीतने के लिए अपनाया था, अब वह उसे पूरी तरह से पीछे छोड़ चुके हैं।
मुइज्जू को चीन का करीबी माना जाता रहा है। माले के रक्षा मंत्रालय के भवन में पीएम मोदी का एक बहुत ही बड़ी तस्वीर लगाई गई थी, यह भी माले के बदले मिजाज का उदाहरण था। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए मालदीव जैसे छोटे द्वीप देश का वैश्विक महत्व बढ़ गया है। अमेरिका की तरफ से भी मालदीव को लुभाने की कोशिश हो रही है।
मुइज्जू ने भारत का जताया आभार
- ऐसे में भारत सरकार ने पूर्व में मुइज्जू की भारत विरोधी बयानों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर अपने दीर्घकालिक कूटनीतिक हितों को साधने की कोशिश की और इसका असर अब साफ दिख रहा है पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति मुइज्जू ने ना सिर्फ भारत की तरफ से मिलने वाले हर सहयोग को लेकर पीएम मोदी का आभार जताया बल्कि यह भी कहा कि, 'भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और भरोसेमंद मित्र है, जो आपदा और महामारी जैसे संकटों में हमेशा साथ खड़ा रहा है।'
- पीएम मोदी ने कहा कि, 'भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने का गर्व है। हम सिर्फ पड़ोसी नहीं बल्कि सहयात्री भी हैं।' मालदीव के साथ एफटीए को लेकर भारत व चीन में लंबे समय से प्रतिस्पर्धा थी। वैसे मुइज्जू सरकार ने पिछले वर्ष चीन के साथ एफटीए कर लिया और इसे एक जनवरी, 2025 से लागू भी कर दिया है। इसके अलावा तुर्की के साथ भी एफटीए किया है। अब भारत के साथ बातचीत शुरू की जा रही है, जिसका जिक्र पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू अपने भाषणों में किया और इसे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करने वाला बताया।
- मालदीव को एक बड़ी राहत भारत ने यह दी है कि उसकी आर्थिक मदद की अभी जो अदाएगी अभी की जाती है, उसका बोझ काफी कर दिया गया है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी का कहना है कि भारतीय कर्ज की सालाना अदाएगी की राशि 41 फीसद तक कम हो जाएगी। मालदीव जाने वाले भारतीयों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि निकट भविष्य में वो वहां के होटलों या दूसरी सेवाओं का भुगतान यूपीआई के लिए जरिए कर सकेंगे। इसके लिए दोनों देशों की संबंधित एजेंसियों के बीच नेटवर्क टू नेटवर्क समझौता किया गया है।
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